सुकमा: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित जिलों में विकास की रफ्तार तेज हो गई है। सुकमा, दंतेवाड़ा और बीजापुर जैसे अति संवेदनशील क्षेत्रों को अब जल्द ही रेल कनेक्टिविटी मिलने वाली है। इन जिलों को रेल नेटवर्क से जोड़ने के लिए आधुनिक लिडार तकनीक (LiDAR: Light Detection and Ranging) का उपयोग करके सर्वेक्षण कार्य तेजी से किया जा रहा है।
यह कदम राज्य और केंद्र सरकार की उस महत्वाकांक्षी योजना का हिस्सा है, जिसके तहत नक्सल प्रभावित इलाकों में बुनियादी ढांचे को मजबूत कर शांति और समृद्धि की नींव रखी जा रही है। रेल मंत्रालय द्वारा इन जिलों को जोड़ने के लिए प्रस्तावित रूट पर हवाई सर्वेक्षण के जरिए ज़मीन की सटीक जानकारी ली जा रही है, जिससे निर्माण में आने वाली बाधाओं को पहले ही पहचाना जा सके।
लिडार तकनीक के जरिए किए जा रहे सर्वे से नक्सल क्षेत्रों की कठिन भौगोलिक परिस्थितियों में भी सटीक डेटा प्राप्त हो रहा है, जिससे योजना को तेजी से अमलीजामा पहनाया जा सकेगा।
रेल कनेक्टिविटी से न केवल इन जिलों में आवागमन आसान होगा, बल्कि स्थानीय लोगों को रोजगार, व्यापार और स्वास्थ्य सेवाओं में भी बड़ा लाभ मिलेगा। इसके साथ ही सुरक्षा बलों की आवाजाही भी सरल और तेज़ हो सकेगी, जिससे नक्सल समस्या से निपटने में मदद मिलेगी।
सरकार का मानना है कि विकास ही स्थायी समाधान है, और रेल जैसे बुनियादी ढांचे इन दूरदराज़ इलाकों के लिए बदलाव की नई लकीर खींचेंगे।