छत्तीसगढ़। (Reservation) आरक्षण बिल अभी राज्यभवन में अटका हुआ है। हो रही इस सियासत से सियासतबाजों का तो कोई नुकसान नहीं होने वाला है। लेकिन हो रही दाखिले की देरी की वजह से छात्रों का भविष्य अधर में है। वे ऊहापोह में हैं, कि क्या करें कोर्स शुरू होने और उसमें दाखिला का समय भी निकला जा रहा है। लेकिन सियासतबाजी के चक्कर में इनका पूरा भविष्य ही बेड़ा गर्क कर दिया।
उन्हें एकबारगी तो लगा था कि (Bhupesh) भूपेश सरकार ने विधेयक बिल तो पास कर दिया है। ऐसे में छात्रों को आशा थी कि जल्द ही आरक्षण व्यवस्था लागू हो जाएगी। ताकि वे अपनी भर्ती परीक्षा और अपने रूचि अनुसार कोर्सों में दाखिला ले सकें। लेकिन फिर इसके बाद बिल राज्यभवन में ऐसा फंसा कि उनके सारे मंसूबों पर पानी फिर गया। अब तो इसके लिए जिम्मेदारों पर छात्रों में गुस्सा है। उनकी दलील है कि आरक्षण चाहे जब लागू हो। लेकिन सामान्य रूप से कम से कोर्स में एडमिशन शुरू किया जाए। आखिरकार एक याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने फार्मेसी कोर्स में एडमिशन का आदेश दिया है।
दरअसल आरक्षण विवाद में दाखिले की प्रक्रिया फंसी थी लेकिन हाईकोर्ट के निर्देश आने के बाद प्रवेश का रास्ता साफ हो गया है। भूपेश राज में बी फार्मेसी व डी फार्मेसी की करीब ६ हजार सीटें हैं। इनकी प्रवेश परीक्षा में इस बार २२ हजार छात्र शामिल हुए है। जानकारों का कहना है की फार्मेसी कॉलेज में दाखिले के लिए अंतिम तारीख ३१ दिसंबर है। इसलिए काउंसलिंग प्रक्रिया जल्द शुरू होने की संभावना है इसे लेकर तकनीकी शिक्षा संचनालय में तैयारी की जा रही है।
उधर तकनीकी शिक्षा से जुड़े विभिन्न कोर्स जैसे इंजीनियरिंग पॉलिटेक्निक एमसीए समेत अन्य के लिए काउंसलिंग की प्रक्रिया सितंबर में शुरू हुई थी। फार्मेसी कॉलेजों की मान्यता की वजह से सितंबर में काउंसलिंग शुरू नहीं हुई। इसके बाद फिर आरक्षण का मामला सामने आया और कई कोर्स की काउंसलिंग पर रोक दी गई इस तरह से सत्र के लिए फार्मेसी पहली काउंसलिंग शुरू नहीं हो पाई।
एक ओर जहां इंजीनियरिंग समेत अन्य कोर्स एडमिशन पर दो राउंड की काउंसलिंग के बाद रोक लगी वहीं राज्य में मेडिकल व नर्सिंग कॉलेज में ५०त्न आरक्षण के अनुसार दाखिले हुए एमबीबीएस की १८२० सीटें हैं तीन राउंड की काउंसलिंग हो गई अब चौथे राउंड की काउंसलिंग की तैयारी है इस तरह से बीएससी नर्सिंग की करीब ७ हजार सीटें हैं इसकी काउंसलिंग खत्म हो चुकी है..
छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुइया उइके आरक्षण मुद्दे को लेकर दिल्ली में २ दिनों से डेरा डाली हुई है राजपाल की मुलाकात राष्ट्रपति द्रोपति मुर्मू और उपराष्ट्रपति से हो चुकी है प्रधानमंत्री और अमित शाह से मुलाकात के बाद आरक्षण के मुद्दे का रास्ता साफ होगा।