कांकेर। जिस बुर्जुग महिला का इस दुनिया में कोई नहीं था, उस मां की अर्थी को कंधा देने के लिए CAF के जवान आगे आये। ये वाक्या, भानुप्रतापपुर (Bhanupratappur) के ग्राम भीरागांव की है। जहां मृत वृद्ध महिला के शव का अंतिम संस्कार करने के लिए गांव का कोई भी व्यक्ति सामने नहीं आया। जिसके बाद सीएएफ के जवानों ने उसके शव का अंतिम संस्कार किया।
जानकारी के अनुसार, भीरागांव में एक 80 वर्षीय वृद्ध महिला खोरीन बाई की मौत हो गई थी । लेकिन उसके शव का अंतिम संस्कार करने के लिए गांव का कोई भी व्यक्ति सामने नहीं आया । जिसकी जानकारी लगभग 24 घंटे बाद छत्तीसगढ़ आर्म फोर्स के जवानों को लगी। छत्तीसगढ सशस्त्र बल 22Bn भीरागांव के कंपनी कमांडर उग्रेश दीवान ने इसे गंभीरता से लेते हुए बटालियन के कमाडेंट एसआर भगत को अवगत कराया और बटालियन के जवानों के साथ मृत महिला का अंतिम संस्कार किया। बता दें कि मृत वृद्ध महिला के पति की कुछ वर्ष पहले मौत हो गई थी । महिला वृद्ध हो गई थी, उसे गांव में कोई न कोई खाने के लिए भोजन दे देते थे। जैसे-तैसे जिंदगी चल रही थी ।
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