सीबीआई को बैन करने वाले आज कर रहे जांच की मांग : विष्णु देव साय

By : madhukar dubey, Last Updated : March 12, 2025 | 6:31 pm

रायपुर, 12 मार्च (आईएएनएस)। छत्तीसगढ़ विधानसभा(Chhattisgarh Assembly) में बुधवार को भारतमाला परियोजना में भ्रष्टाचार (corruption in bharatmala project)को लेकर जमकर हंगामा हुआ। विपक्ष ने इस पूरे मामले में सीबीआई से जांच कराने की मांग की। कांग्रेस नेताओं का कहना था कि भारतमाला परियोजना में कुछ गड़बड़ियां हुई हैं, जिसे लेकर सीबीआई को निष्पक्ष जांच करनी चाहिए।

कांग्रेस की इस मांग पर प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि कांग्रेस अब जनता का विश्वास खो चुकी है। उन्होंने कहा, “कांग्रेस जो कुछ भी बोल रही है, उस पर कोई फर्क नहीं पड़ता। ये लोग अपने स्वार्थ के लिए अपना कथन बदलते रहते हैं। जब चुनावों में जीतते हैं, तो ईवीएम पर कुछ नहीं बोलते, लेकिन हारने पर ईवीएम पर लगातार दोष लगाते हैं।”

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले कार्यकाल में जिन लोगों ने सीबीआई को बैन कर रखा था, इसका मतलब है कि उन्हें सीबीआई पर विश्वास नहीं था। आज वही लोग सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं। कांग्रेस के इस दोहरे रवैये को जनता समझ चुकी है। विपक्ष के आरोपों को नकारते हुए सीएम साय ने कहा कि सरकार पूरी तरह से पारदर्शिता के साथ काम कर रही है और जो भी गलत काम होगा, उसे जांच कर दंडित किया जाएगा।

इसके अलावा, सीएम साय ने बस्तर पंडुम 2025 के लिए मुख्यमंत्री प्रतीक चिन्ह का विमोचन किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने बस्तर की जनजातीय संस्कृति की महत्ता पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि बस्तर की जनजातियां अपनी सांस्कृतिक धरोहर के लिए विख्यात हैं और बस्तर पंडुम इस सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने और प्रदर्शित करने का एक बेहतरीन अवसर है।

सीएम साय ने कहा कि बस्तर ओलंपिक का आयोजन पहले ही किया गया था और उसके समापन समारोह में गृह मंत्री अमित शाह भी शामिल हुए थे। इस बार बस्तर पंडुम का आयोजन विशेष रूप से बस्तर की खानपान, वेशभूषा और महिलाओं द्वारा पहने जाने वाले श्रृंगार को प्रदर्शित करने के लिए किया जाएगा। इस बार बस्तर पंडुम का आयोजन अधिक बड़े स्तर पर किया जाएगा और इसमें विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ-साथ एक मैराथन भी आयोजित की जाएगी, जिसमें लगभग 8000 लोग शामिल होंगे।

उन्होंने आगे कहा कि इस प्रतीक चिन्ह का विमोचन आज से बस्तर पंडुम की शुरुआत का संकेत है। यह आयोजन बस्तर की संस्कृति को बढ़ावा देने के साथ-साथ जनजातीय समुदायों की पहचान को भी विश्व स्तर पर प्रस्तुत करेगा।

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