विधानसभा में पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को दी गई श्रद्धांजलि…
By : madhukar dubey, Last Updated : February 25, 2025 | 3:29 pm

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा बजट(Chhattisgarh assembly budget) सत्र के दूसरे दिन आज पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन का उल्लेख किया गया. पक्ष और विपक्ष के सदस्यों ने भी पूर्व प्रधानमंत्री को श्रद्धांजलि (Tribute to former Prime Minister)दी ।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने डॉ. मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि मुझे उनके साथ काम करने का लंबे समय तक अवसर मिला मेरा मुख्यमंत्री मनमोहन सिंह से लगातार मुलाकात होती रहती थी। बेहद सकारात्मक सोच और आर्थिक उदारता को समर्पित थे।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने भी पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उन्होंने सार्वजनिक जीवन में कई महत्वपूर्ण जानकारियां निभाई। उन्होंने केंद्र सरकार में वित्त मंत्री तथा प्रधानमंत्री के पद को सुशोभित किया। मनमोहन सिंह ने देश को लाइसेंस शराब से मुक्ति दिलाई।
उन्होंने कहा कि मेरा सौभाग्य रहा कि संसद सदस्य रहते हुए उनसे बहुत कुछ सिखा. उन्होंने व्हीलचेयर पर बैठकर भी मतदान किया था। उन्होंने हमें सिखाया कि हमें लोककल्याण के प्रति समर्पित रहना चाहिए। उनका जीवन हम सभी के लिए प्रेरक रहेगा।
नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत ने कहा कि यह एक बहुत कठिन समय है। आज जिस भाव को अध्यक्ष महोदय ने प्रकट किया है। मेरे संसदीय जीवन के 45 साल हो गए हैं।यह श्रद्धांजलि अपने आप में एक उदाहरण है कि हम भले ही हम अलग-अलग दल से हो, लेकिन उनकी भावना, निष्ठा को बहुत ही अच्छे तरीके से प्रकट किया।
उन्होंने कहा कि डॉ. मनमोहन सिंह भारत के निर्माण के साक्षी रहे हैं. उन्होंने भारत में आधार कार्ड लागू करने का निर्णय किया. इसका भले ही सभी ने विरोध किया, लेकिन आज पूरा देश हमें हमारे आधार से ही जनता है. उन्होंने कई ऐसी नीतियां बनाई, जिनकी आज हम सभी प्रशंसा करते हैं. सरलभाव और मृदुभाषी उनका स्वभाव है. उन्होंने सभी के कार्य को लगातार सराहा चाहे, वह किसी भी दल से हो. मैं उनके साथ राज्य मंत्री के रूप में कार्य करके खुद को काफी सौभाग्यशाली मानता हूं।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि डॉ. मनमोहन सिंह का जन्मस्थान पाकिस्तान में है, और उन्होंने विभाजन का दंश भी झेला। उन्होंने अपनी लगन से जो ऊंचाई छुई उसकी कोई मिसाल नहीं आरबीआई के गवर्नर, वित्त मंत्री और प्रधानमंत्री के रूप में उन्होंने जो उदारीकरण की नीति अपनाई. कई सरकारी आई, पर उन्हें बदल नहीं पाई, एक वही दौर है जो उन्होंने कृषि के क्षेत्र में जो वृद्धि की उसमें किसानी की स्थिति में बड़ा सुधार हुआ. दुनिया की सबसे बड़ी रोजगार गारंटी योजना की उन्होंने शुरुआत की। कोरोना में भी मनरेगा के जरिए गरीब लोगों को रोजगार मिला है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उनसे अनेकों बार मुलाकात करने का मौका मिला. उनसे चंदूलाल चंद्राकर जी ने मिलने का समय दिलवाया था। उनकी आवाज धीमी थी, पर उस आवाज में मजबूती ओर ताकत थी।प्रधानमंत्री के रूप में जो उन्होंने देश की सेवा की उसकी कोई तुलना नहीं. मैं उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।
यह भी पढ़ें : नीतीश के पुत्र निशांत ने जनता से की अपील, ‘पिता ने विकास किया, इस बार सीट बढ़ाएं’