Untold Story : बड़ी कठिन थी ‘धान खरीदी केंद्र’ की डगर! विष्णुदेव ने की ‘राहें’ आसान

दूरस्थ अंचल के किसानों को अब धान बेचने के लिए दूर जाना नहीं पड़ता है। उनके गांव के नजदीक ग्राम आमाबेड़ा में धान बेचने में आसानी हो रही है।

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  • Updated On - February 3, 2024 / 05:04 PM IST

  • मुख्यमंत्री ने किसानों की पूरी की मांग
  • आमाबेड़ा खरीदी केन्द्र में धान बेचने में हो रही आसानी
  • किसानोें को अब तय नहीं करना पड़ता 45 किलोमीटर का सफर

रायपुर। दूरस्थ अंचल के किसानों को अब धान बेचने के लिए दूर जाना नहीं पड़ता है। उनके गांव के नजदीक ग्राम आमाबेड़ा में धान (Selling paddy in amabeda) बेचने में आसानी हो रही है। वनांचल क्षेत्र कांकेर जिले के अंतागढ़ तहसील के ग्राम कोतकुड़ के किसानों की मांग पूरी होने से किसानों में खुशी की लहर है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय (Chief Minister Vishnudev Sai) के निर्देशानुसार किसानों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए धान उपार्जन केन्द्र को एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानांतरित करने की सुविधा दी है, जिसके कारण धान बेचने में किसानों को आसानी हो रही है।

पूर्व में ग्राम कोतकुड़ के किसानों का धान बेचने के लिए पंजीयन आदिम जाति सेवा सहकारी समिति मर्यादित मातला ‘ब‘ में हुआ था। किसानों ने बताया कि पहले उन्हें धान का परिवहन करने के लिए 45 किलोमीटर दूर जाना पड़ता था और समय भी अधिक लगता था। किसानों ने जिला प्रशासन से नजदीक धान खरीदी की मांग की थी।

किसानों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए उनके गांव के नजदीक आमाबेड़ा गांव धान खरीदी केन्द्र में किसानों का खाता स्थानांतरित किया गया है, जो वहां से सिर्फ 05 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। पंजीयन स्थानांतरित होने के बाद कोतकुड़ के सभी किसान 30 जनवरी से धान बेचने के लिए आमाबेड़ा खरीदी केन्द्र पहुंच रहे है। किसानों की सुविधा के लिए टोकन भी तत्काल दिया जा रहा है। किसानों ने मुख्यमंत्री को अपनी मांग के पूर्ण होने पर धन्यवाद ज्ञापित किया है।

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