रायपुर। प्रदेश का बहुचर्चित मामला लोहारीडीह में कांग्रेस नेता की हत्या(Murder of congress leader) मामले में मध्यप्रदेश पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया है। एमपी पुलिस ने दावा किया है कि कांग्रेस नेता कचरू साहू (Congress leader Kachru Sahu)को पहले लाठी-डंडे से पीटा गया, उसके बाद उसे गमछे से गला घोंट दिया। इसके बाद आरोपियों ने घटना को आत्महत्या का रूप देने के लिए शव को छत्तीसगढ़-मध्यप्रदेश की सीमा पर पेड़ से लटका दिया था।
मामले की गुत्थी सुझलने के बाद गृहमंत्री विजय शर्मा ने अपने एक्स अकाउंट में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर निशाना साधा है। गृहमंत्री शर्मा ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को लोहारीडीह मामले में राजनीति नहीं करनी चाहिए थी। वे लगातार सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट कर रहे थे, क्षेत्र में राजनीतिक विवाद छेडऩे की कोशिश कर रहे थे। मेरा उनसे आग्रह है कि वे अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने का काम बंद करें। शर्मा ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री बघेल को छोटे बच्चों के नाम पर राजनीति नहीं करनी चाहिए, उन्हें शर्म आनी चाहिए। वहीं शर्मा ने सूरजपुर में हुई घटना पर बोलते हुए कहा कि इस मामले में एनएसयूआई की संलिप्तता साफ नजर आ रही है। क्या कांग्रेस ऐसे अपराधियों को संरक्षण दे रही है। ऐसे किसी भी प्रकार का संरक्षण प्राप्त हो लेकिन हम सख्ती के साथ कार्रवाई करेंगे।
गृहमंत्री विजय शर्मा के शर्म आनी चाहिए वाले बयान के बाद पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर पलटवार करते हुए एक और वीडियो पोस्ट किया। जिसमें गृहमंत्री विजय शर्मा और मृतक कचरू साहू की बेटी लालेश्वरी साहू दोनों ने अपनी-अपनी बात कही। इस वीडियो में विजय शर्मा ने कहा कि मुझ पर धमकाने का आरोप है, प्रशासन जो करे-करें लेकिन मैंने उनकी व्यक्तिगत रूप से परिवार की मदद की। वहीं मृतक की बेटी लालेश्वरी ने कहा कि डिप्टी सीएम आए थे, वे धमकी देकर गए है। तुम्हारे पिता की हत्या हुई है, तुम्हें गम नहीं है। वीडियो बनाकर वायरल कर रही हों।
पूर्व सीएम भूपेश ने एक दूसरा वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा कि भाजपा की डबल इंजन की सरकार घटना को दफना चुकी थी। लेकिन बाहदुर लालेश्वरी साहू ने घटना पर खुलकर बात रखी। ऐसी बहादुर बेटी का नाम क्यों न लिया जाए। उस बेटी ने सरकार की नाकामी को उजागर किया है। पूर्व सीएम बघेल ने कहा जिसकी गवाही पर 169 ग्रामीणों पर हत्या जैसे जघन्य अपराध की धाराएं लगी हैं। वह तो ख़ुद हत्यारा निकला। तो क्या इस मामले की फिर से जांच होगी? प्रशांत साहू की पुलिस की पिटाई से मौत के मामले में पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों पर मामले कब दर्ज होंगे? इस मामले की जांच हाईकोर्ट की निगरानी में हो।