संजय दत्त बोले जेल की जिंदगी और कानूनी देरी पर 25 साल क्यों लगे समझने में

By : hashtagu, Last Updated : December 3, 2025 | 3:54 pm

Sanjay Dutt: बॉलीवुड अभिनेता संजय दत्त, जिन्होंने आर्म्स एक्ट के तहत पांच साल की सजा पूरी की और 2016 में रिहा हुए, ने हाल ही में एक पोडकास्ट में 1993 के उस कठिन समय को याद किया जब उनकी और उनके परिवार की जिंदगी डर और असमंजस से भरी हुई थी. उन्होंने कहा कि उस समय का माहौल बेहद अराजक और अनिश्चित था, जिसका असर सिर्फ उन पर ही नहीं बल्कि उनके परिवार पर भी पड़ा.

संजय ने बताया कि उनके परिवार को धमकाया गया. उनके पिता और बहनों को खतरे में रखा गया. उन्हें कहा गया कि उनके पास बंदूक है, लेकिन इसे साबित नहीं किया जा सका. संजय ने कहा कि उन्हें समझ नहीं आया कि आखिर 25 साल क्यों लग गए यह जानने में कि वे TADA एक्ट या बम ब्लास्ट केस में शामिल नहीं थे. उन्होंने कहा कि आर्म्स एक्ट केस में उन्हें बिना कोई बंदूक मिले ही दोषी ठहराया गया, और यह समझने में 25 साल लग गए.

हालांकि, जेल में बिताए गए समय का संजय ने सकारात्मक उपयोग किया. उन्होंने कहा कि उन्होंने इस अनुभव को खुद को सुधारने और सीखने का अवसर बनाया. उन्होंने कानून पढ़ा, खुद को प्रोसीक्यूटर और डिफेंस लॉयर की तरह तैयार किया. उन्होंने शिव पुराण, गणेश पुराण, भगवद गीता, रामायण और महाभारत पढ़ी, ध्यान किया और प्रार्थना की.

संजय दत्त ने सबसे बड़ी समस्या कानूनी प्रणाली की धीमी गति को बताया. उनका कहना था कि उन्होंने कई कैदियों को देखा जो सिर्फ अपने मामलों की सुनवाई का इंतजार करते हुए बहुमूल्य साल गंवा देते हैं.