Cancer: जब हमारे शरीर में कुछ सेल अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगते हैं तो यह कैंसर की शुरुआत होती है. अनियंत्रित रूप से बढ़ रही यह कोशिकाएं इतनी शक्तिशाली होती हैं कि यह शरीर के सामन्य उत्तकों (Body Cells) में घुसपैठ करके उन्हें नष्ट कर देती हैं. एक बार कैंसर होने के बाद यह पूरे शरीर में फैल सकता है. कैंसर कितनी घातक बीमारी है, यह तो आप जानते ही होंगे. दुनियाभर में होने वाली कुल मौतों में दूसरा सबसे बड़ा कारण कैंसर ही है. कैंसर की स्क्रीनिंग, उपचार और रोकथाम के लिए उठाए जा रहे कदमों का असर पड़ा है और अच्छी बात यह है कि कई प्रकार के कैंसर पर अब मरीजों के ठीक होने और बचने केी दर (Survival Rates Improving) बढ़ रही है.
कैंसर होने के लक्षण क्या होते हैं?
कैंसर के लक्षण इस बात पर निर्भर करते हैं कि इससे शरीर का कौन सा हिस्सा प्रभावित हुआ है. इससे जुड़े कुछ प्रमुख लक्षणों के बारे में हम यहां बता रहे हैं. हालांकि, लक्षण इसके अलावा और भी हो सकते हैं.
- थकावट होना.
- शरीर में गांठ होना और त्वचा के बाहर से महसूस होना.
- वजन में बदलाव होना, अकारण वजन बढ़ना या घटना.
- त्वचा में बदलाव महसूस होना, जैसे त्वचा पीली या लाल पड़ना या रंग गहरा होना.
- त्वचा पर ऐसे घाव होना, जो जल्द ठीक न हों.
- तिल और मस्सों में बदलाव होना.
- बावेल और ब्लैडर की आदतों में बदलाव होना.
- लगातार खांसी और सांस लेने में तकलीफ होना.
- निगलने में दिक्कत होना.
- आवाज में कर्कशता आना.
- लगातार अपच की समस्या या खाने के बाद बेचैनी महसूस होना.
- लगातार बिना किसी कारण के मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द होना.
- लगातार अकारण बुखार और रात में पसीना आना.
- अकारण रक्तस्राव और नील पड़ना.
डॉक्टर को कब दिखाएं
ऊपर बताए गए लक्षणों में से यदि कोई भी लक्षण आपको महसूस होता है तो आपको तुरंत अपने डॉक्टर को दिखाना चाहिए. अगर आपको कोई संकेत या लक्षण नजर नहीं आ रहे हैं, लेकिन आप कैंसर के जोखिम को लेकर चिंतित हैं तो आपको इस संबंध में अपने डॉक्टर से चर्चा करनी चाहिए. अपने डॉक्टर से पूछें कि आपको कौन से स्क्रीनिंग टेस्ट और प्रक्रियाएं करवानी चाहिए.
कैंसर किन कारणों से होता है?
कोशिकाओं (Cells) के भीतर डीएनए में परिवर्तन (Mutations) के कारण कैंसर होता है. कोशिका के अंदर मौजूद डीएनए में बड़ी संख्या में अलग-अलग जीन मौजूद होते हैं, जिनमें से प्रत्येक में निर्देशों का एक सेट होता है, जो सेल को बताता है कि उन्हें क्या कार्य करना है, कैसे बढ़ना है और कैसे म्यूटेट होना है. निर्देशों में किसी तरह की त्रुटि की वजह से कोशिका अपना सामान्य कार्य करना बन कर देती है और फिर कोशिका कैंसर से संक्रमित हो जाती है.
जीन म्यूटेशन क्या करते हैं
एक जीन म्यूटेशन आपके शरीर की स्वस्थ कोशिकाओं को निम्न निर्देश दे सकता है –
- जीन म्यूटेशन आपके शरीर की कोशिकाओं को तेजी से बढ़ने और विभाजित होने का निर्देश देता है. इससे बहुत से नए सेल बनते हैं और इन सबमें एक ही तरह का म्यूटेशन होता है.
- कोशिकाओं की अनियंत्रित वृद्धि नहीं रुक पाती है. सामान्य कोशिकाओं को पता होता है कि उन्हें कब और कितना बढ़ना है. लेकिन कैंसर कोशिकाओं पर नियंत्रण नहीं रहता और वह बेतहाशा बढ़ने लगती हैं. इससे एक ही जगह पर बहुत सी कोशिकाएं इकट्ठा हो जाती हैं.
- डीएनए हमारी कोशिकाओं में आ रही विसंगतियों को ठीक करता है, लेकिन कैंसर में ऐसा नहीं हो पाता. यह म्यूटेशन डीएनए को अपना कार्य ठीक से करने से रोकता है और इस तरह से कोशिकाएं कैंसरग्रस्त हो जाती हैं.