नई दिल्ली: आजकल सेहत की दुनिया में एक नया और खतरनाक शब्द चर्चा में है – ‘डायबेसिटी’। यह शब्द दो बीमारियों – मोटापा (Obesity) और डायबिटीज (Diabetes) – के मेल से बना है। जब किसी व्यक्ति का वजन अत्यधिक बढ़ जाता है और साथ ही ब्लड शुगर लेवल भी नियंत्रित नहीं रहता, तो डॉक्टर इस स्थिति को डायबेसिटी कहते हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार, यह सिर्फ एक बीमारी नहीं, बल्कि 21वीं सदी की एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या (Public Health Crisis) बनती जा रही है। दुनियाभर में बड़ी संख्या में लोग इस स्थिति से जूझ रहे हैं और भारत भी इससे अछूता नहीं है।
डायबेसिटी का सबसे बड़ा खतरा यह है कि यह धीरे-धीरे कई अंगों को प्रभावित करती है, जैसे—हृदय, किडनी, लिवर और आंखें। यह स्थिति न केवल जीवन की गुणवत्ता को गिरा देती है, बल्कि कई बार जानलेवा भी साबित हो सकती है।
डायबेसिटी के मुख्य कारण:
असंतुलित भोजन
शारीरिक गतिविधि की कमी
अत्यधिक जंक फूड का सेवन
तनाव और नींद की कमी
आनुवांशिक कारण
कैसे बचाव करें:
रोज़ाना 30 मिनट एक्सरसाइज़ करें
संतुलित और पौष्टिक भोजन लें
वजन और ब्लड शुगर की नियमित जांच कराएं
प्रोसेस्ड फूड, शुगर और फास्ट फूड से दूरी बनाएं
पर्याप्त नींद और तनाव प्रबंधन करें
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर समय रहते डायबेसिटी को नहीं रोका गया, तो आने वाले वर्षों में यह एक महामारी का रूप ले सकती है।