मिर्गी से जल्दी मौत का खतरा बढ़ सकता है : शोध

जर्नल न्यूरोलॉजी में प्रकाशित शोधपत्र से पता चला है कि मिर्गी (Epilepsy) से पीड़ित लोगों में समग्र जनसंख्या की तुलना में मौत का जोखिम दोगुना से अधिक था।

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  • Publish Date - March 25, 2023 / 10:05 PM IST

नई दिल्ली, 25 मार्च (आईएएनएस)| मिर्गी (Epilepsy) से पीड़ित लोगों में समय से पहले मौत का खतरा बढ़ जाता है। पर्पल डे से पहले एक नए शोध में यह बात कही गई। मिर्गी के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 26 मार्च को पर्पल डे मनाया जाता है।

जर्नल न्यूरोलॉजी में प्रकाशित शोधपत्र से पता चला है कि मिर्गी (Epilepsy) से पीड़ित लोगों में समग्र जनसंख्या की तुलना में मौत का जोखिम दोगुना से अधिक था।

20,095 मिर्गी रोगियों पर किए गए अध्ययन में पाया गया कि युवाओं में मौत का जोखिम और भी अधिक था।

शोधकर्ताओं ने कहा कि बढ़ा हुआ जोखिम भी इस बात पर निर्भर करता है कि वे कहां रहते हैं, वे कितनी दवाएं लेते हैं और उन्हें कौन सी अन्य बीमारियां हो सकती हैं।

शोधपत्र के लेखक और दक्षिण कोरिया के चुनचेओन स्थित कांगवोन नेशनल यूनिवर्सिटी में एमडी, पीएचडी सेओ-यंग ली ने कहा, “हमने शोध में पाया कि उन लोगों में भी जोखिम बढ़ गया है, जिन्हें अन्य स्वास्थ्य समस्याएं नहीं हैं और वे अपने मिर्गी दौरों को नियंत्रित करने के लिए केवल एक दवा ले रहे हैं।”

मिर्गी दुनिया भर में 5 करोड़ लोगों को प्रभावित करने वाले विश्व के एक महत्वपूर्ण अनुपात के लिए जिम्मेदार है।

हर साल अनुमानित 50 लाख लोगों में मिर्गी का निदान किया जाता है।

भारत स्थित प्राइमस सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में न्यूरोसाइंसेस विभाग के निदेशक रवींद्र श्रीवास्तव ने कहा कि दुनिया भर में 1 करोड़ से अधिक रोगी मिर्गी से पीड़ित हैं, 5 करोड़ में से 20 प्रतिशत।

श्रीवास्तव ने कहा, “यदि आप किसी को दौरे पड़ते हुए देखते हैं, तो शांत रहना और व्यक्ति को सुरक्षित रखना आवश्यक है, व्यक्ति के सिर की रक्षा करें, घुटन को रोकने में मदद करने के लिए व्यक्ति को अपनी तरफ मोड़ें, दौरे के समय उसके साथ रहें।