बार‑बार छींक आना सिर्फ सर्दी नहीं हो सकता बल्कि एलर्जी का संकेत भी

By : hashtagu, Last Updated : December 27, 2025 | 4:21 pm

Frequent Sneezing: बार‑बार छींक आना अक्सर कई लोगों को हल्का लगता है और वे इसे सिर्फ सर्दी या सामान्य जुकाम समझ लेते हैं, लेकिन यह हमेशा ऐसा नहीं होता। छींकना आपके शरीर का एक सुरक्षा रिफ्लेक्स है, जिससे नाक और श्वसन पथ में मौजूद धूल, पराग, पालतू रूसी, मोल्ड और अन्य संवेदनशील कण बाहर निकलते हैं। यह प्रक्रिया नाक की म्यूकस झिल्लियों में जलन होने पर होती है और बार‑बार छींक आना कभी‑कभी एलर्जी का स्पष्ट संकेत हो सकता है।

एलर्जी के कारणों में धूल, डस्ट माइट्स, परागकण, जानवरों के बाल और फफूंद शामिल हैं। जब आपका शरीर इन एलर्जेंस के संपर्क में आता है तो हिस्टामाइन नामक रसायन रिलीज़ होता है, जिससे छींक, बहती नाक, नाक बंद होना या पानी जैसे लक्षण पैदा हो सकते हैं। ऐसे में यह केवल वायरस या संक्रमण से नहीं जुड़ा होता।

बार‑बार छींक आना हमेशा एलर्जी नहीं भी हो सकता है। हवा में मौजूद प्रदूषण, तेज गंध, धूल और धुआं जैसे पर्यावरणीय उत्तेजक भी नाक की झिल्लियों को प्रभावित कर सकते हैं और छींक का कारण बन सकते हैं। इसके अलावा नाक के संक्रमण, ड्राय नोज समस्या या साइनस की वजह से भी छींक की आवृत्ति बढ़ सकती है।

एलर्जी की पहचान और उपचार के लिए कुछ आसान उपाय अपनाए जा सकते हैं। अपने आसपास के वातावरण को धूल‑मुक्त रखें, एयर फिल्टर साफ रखें, पालतू जानवरों से कुछ दूरी बनाएँ और अगर जरूरत हो तो डॉक्टर से एलर्जी टेस्ट करवाएँ। सही जानकारी के आधार पर ट्रिगर से बचाव करना सबसे अच्छा तरीका है ताकि छींक और अन्य असुविधाजनक लक्षणों को नियंत्रित किया जा सके।