‘परिवार’ के साथ घूमने में क्या है ‘लाभ’

 जब परिवार (Family) साथ होता है। सबके साथ घूमने फिरने (to hang around)में जो  आनंद है उसके अलावा सबसे बड़ी निश्चिंतता होती है किसी भी तरह की औपचारिकता का न होना। परिवार साथ है तो खर्चे को लेकर भी राहत आ जाती है। मन में यह भाव रहता है कि थोड़ा बहुत एक्स्ट्रा हुआ भी तो मिलकर संभाल लेंगे। फिर यही यादें जीवन भर के लिए मन में बस जाती हैं।

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  • Updated On - April 12, 2023 / 05:24 PM IST

 जब परिवार (Family) साथ होता है। सबके साथ घूमने फिरने (to hang around)में जो  आनंद है उसके अलावा सबसे बड़ी निश्चिंतता होती है किसी भी तरह की औपचारिकता का न होना। परिवार साथ है तो खर्चे को लेकर भी राहत आ जाती है। मन में यह भाव रहता है कि थोड़ा बहुत एक्स्ट्रा हुआ भी तो मिलकर संभाल लेंगे। फिर यही यादें जीवन भर के लिए मन में बस जाती हैं। साथ बिताये पल पूरे परिवार के लिए सकारात्मक ऊर्जा पाने का अवसर बन जाते हैं। सब इससे कुछ न कुछ नया सीखते भी हैं और एक-दूसरे को समझने का मौका भी पाते हैं। जब नई पीढ़ी नौकरी, शादी या पढ़ाई के लिए शहर या देश से बाहर जाती है तो पुराने एल्बम से यही यादें निकलकर माता पिता को साथ बिताये दिनों की तसल्ली देती है। इसके अलावा भी बहुत कुछ है जो परिवार के साथ यात्रा करने से अनुभव होता है।

बॉन्ड बनाने का मौका   

तेज भागते-दौड़ते जीवन में हर एक व्यक्ति समय की कमी को लेकर सबसे ज्यादा परेशान होता है। बड़ों को दफ्तर या घरों से फुरसत नहीं होती, तो बच्चों और युवाओं को पढ़ाई और वर्चुअल दुनिया से छुटकारा मिलना मुश्किल होता है। ऐसे में वैकेशन सबको एकसाथ लाने का सबसे बेहतर विकल्प बनती हैं। घर में रहते हुए भी बच्चों और पैरेंट्स के बीच संवाद की कमी और दूरियों को एक छुट्टी मिटा डालती है। रिश्तों के बीच बॉन्ड बनाने के लिए इससे बेहतर अवसर नहीं मिल सकता है। फिर चाहे छुट्टी बिताने पति-पत्नी जाएँ, पैरेंट्स और बच्चे या फिर भाई-बहन।भावनात्मक रूप से जुड़ने का यह बहुत अच्छा तरीका साबित हो सकता है।

खुशी के पल को इकट्ठा करने का मौका

चाहे आप दो दिन की छोटी सी वैकेशन पर ही क्यों न जाएँ, साथ गुजारे गए पल आपको पूरे जीवन के लिए खुशियां सहेजने का मौका देते हैं। जब भी मन उदास हो या कोई उलझन घेरे, इन छुट्टियों में बिताए पलों के फोटो या वीडियो या मन में बैठी यादों को रिवाइंड कर लेने भर से आप प्रफुल्लित महसूस करने लगेंगे। ये वो पल होते हैं जब आप अपने बेस्ट स्वरूप में सबसे निश्चिन्त और खुश होते हैं। इसलिए छुट्टियों में बिताया समय हमेशा आपको खुशियां देने और तरोताजा करने का काम करता है। बल्कि कई बार तो ऐसी छुट्टियां रिश्तों में आने वाली कड़वाहट को दूर करने का भी जरिया बन जाती हैं

काबिलियत जानने का मौका

हर रोज उसी रूटीन से जूझते हुए शायद आप ये भूल जाएँ कि आपकी पत्नी, बहन, बेटी या घर की अन्य महिला संगीत या नृत्य में भी रूचि रखती है या कि आपके पापा या भाई बहुत अच्छी व्हिसिलिंग करते हैं या कि आपके घर का कोई सदस्य तैराकी करना बहुत पसंद करता है या फिर किसी की फोटोग्राफी स्किल्स बहुत ही शानदार हैं। छुट्टियों में साथ समय बिताने से ऐसी कई बातें सामने आती हैं और आपको यह याद दिलाती हैं कि हर व्यक्ति ख़ास है, हर व्यक्ति में कोई हुनर है। इस बात का एहसास ही अपनेआप में ख़ास है क्योंकि यह आपको उस व्यक्ति के बारे में करीब से सोचने का, उसके प्रति सम्मान महसूस करने का अवसर देता है और रिश्तों में गर्माहट भरने का काम भी करता है।

 नए का अनुभव

भ्रमण का मतलब ही होता है एक्सप्लोर करना। नए को जानना भी और नए को जीना भी। केवल बड़े ही नहीं, बच्चे भी इससे बहुत कुछ सीखते हैं। कई बार तो स्कूली किताबों से आगे की बातें भी। रवीन्द्रनाथ टैगोर ने अपने बचपन के संस्मरणों में इस बात का जिक्र किया है कि किस तरह उनके पिता के साथ की गई यात्राएं उन्हें प्रकृति और परिवेश के बारे में अद्भुत जानकारियाँ पाने में सहायता करती थीं। हर नए सफर से नए स्थान तक जाने में हम भिन्न संस्कृतियों, खान-पान, भाषाओं-बोलियों, लोगों आदि के बारे में बहुत कुछ जानते और सीखते हैं। यह एक ऐसा अनुभव है जो यात्रा ही आपको दे सकती है और जीवन में यह बहुत काम भी आता है।

सकारात्मक रहने की सीख

सफर के दौरान हो या किसी जगह पहुंचने के बाद अचानक आने वाली मुश्किल का एक ही हल होता है, तुरंत उसका समाधान ढूंढना। यात्राएं आपको यह भी सिखाती हैं। नए मौसम से सामंजस्य बैठाना, अपने कम्फर्ट ज़ोन से बाहर निकलना, एडवेंचर स्पोर्ट्स आदि एक्टिविटीज के जरिये अपनी सीमाओं को चुनौती देना, नए वातावरण के हिसाब से खुद को ढालना आदि वे स्थितियां हैं जो आपको सकारात्मक बने रहने में मदद करती हैं। यह केवल यात्रा के लिए नहीं होता, वैकेशन के बाद भी जीवन में आने वाली कई स्थितियों में यह रवैया मदद कर सकता है। खासकर परिवार के बच्चों और युवाओं के लिए।

 एक-दूसरे की ताकत बनना

अक्सर साथ रहते हुए भी परिवार के सदस्य इस साथ रहने की ताकत को नहीं समझ पाते। यह बात एक छोटी सी वैकेशन समझा सकती है। उदाहरण के लिए कहीं ठीक तरह से भोजन का इंतज़ाम न हो पाना, कहीं गाड़ी में कोई खराबी आ जाना, कहीं होटल में जगह न मिल पाना, आदि जैसी चुनौतियाँ सामने आने पर परिवार किस तरह एक साथ इनका सामना करता है और उनके पार निकलता है, यह एक प्रकार का मोटिवेशन होता है जो यात्रा के दौरान मिलता है। बच्चों से लेकर बड़ों तक को यह बात समझ में आती है कि हमें साथ पाने या मदद के लिए अपने परिवार से बढ़कर सहयोगी और कोई नहीं मिल सकता।

यात्राओं के दौरान सभी बहुत कुछ सीखते और जानते हैं। इनमें दुनिया की व्यवहारिक सीख पाने के अलावा खुद को कई स्तरों पर परखने का मौका भी मिलता है। बच्चों को खेलने, दौड़ने-भागने के लिए ज्यादा जगह मिलती है, बंद इमारतों से अलग खुली हवा में सांस लेने का मौका मिलता है, बच्चों को यदि आप पैसों का प्रबंधन सिखाना चाहते हैं तो भी यह बहुत अच्छा मौका हो सकता है। इससे बच्चों को आने -जाने के रुट, नए शहरों की जानकरी, मैप का उपयोग करना आदि जैसी चीजें भी सीखने को मिलती हैं। यानी कुल मिलकर यात्रा परिवार के लिए एक ऐसा अनुभव बनती है जो उम्रभर सबके काम आती है।