मध्यप्रदेश। (Madhya Pradesh) 2023 में विधानसभा को देखते हुए कांग्रेस ने चुनावी वादे भी जनता को बताने में लगी है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (Former Chief Minister Kamal Nath) ने कहा कि कांग्रेस की सरकार अगर प्रदेश में आई तो सबसे पहले पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू की जाएगी। मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार ने पुरानी पेंशन योजना बंद करके सरकारी कर्मचारियों से रिटायरमेंट के बाद जीवन-यापन का हक़ छीन लिया। मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार बनते ही हम पुरानी पेंशन योजना लागू करेंगे और कर्मचारियों को सम्मान का जीवन देंगे। इसके आलवा चुनावी शतरंज को भी मध्यप्रदेश कांग्रेस सजाने में जुटी है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने आलाकमान के निर्देशों पर पार्टी में बड़ा बदलाव किया है। एमपी कांग्रेस ने नए जिला अध्यक्षों की नियुक्ति की है। जबकि ५० प्रदेश उपाध्यक्ष और १०५ प्रदेश सचिव बनाए गए हैं, इसके अलावा ६४ जिला कांग्रेस अध्यक्ष बनाए गए। जिसे चुनावी साल में बड़ी सर्जरी के तौर पर देखा जा रहा है।
इसके अलावा एमपी कांग्रेस ने २१ सदस्यीय राजनीति मामलों की कमेटी भी बनाई है। जिसमें कमलनाथ-दिग्विजय सिंह समेत कई बड़े नेता शामिल हैं। खास बात यह है कि इस सूची में कमलनाथ के साथ-साथ उनके बेटे नकुलनाथ का नाम भी शामिल हैं। कांग्रेस में जो बदलाव हुए हैं, उनमें सबसे ज्यादा समर्थक कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के शामिल है। कभी ज्योतिरादित्य सिंधिया के प्रभाव वाले जिले में अब दिग्विजय सिंह की पसंद का जिला अध्यक्ष बनाया गया है।
मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार ने पुरानी पेंशन योजना बंद करके सरकारी कर्मचारियों से रिटायरमेंट के बाद जीवन-यापन का हक़ छीन लिया।
मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार बनते ही हम पुरानी पेंशन योजना लागू करेंगे और कर्मचारियों को सम्मान का जीवन देंगे।
― कमलनाथ pic.twitter.com/Y9zKsa6ZfQ
— MP Congress (@INCMP) January 22, 2023
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मध्य प्रदेश कांग्रेस की जिस २१ सदस्यीय राजनीति मामलों की कमेटी बनाई है, उनमें कांग्रेस के पुराने सभी दिग्गजों को जगह दी गई है। बताया जा रहा है यह कमेटी ही २०२३ में होने वाले चुनाव में नए समीकरण बनाएगी। इस सूची में मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ, पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह , नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर गोविंद सिंह के अलावा कांतिलाल भूरिया, सुरेश पचौरी, अरुण यादव, अजय सिंह, विवेक तन्खा, राजमणि पटेल, नकुलनाथ, बाला बच्चन, जीतू पटवारी, सुरेंद्र चौधरी, रामनिवास रावत, नर्मदा प्रसाद प्रजापति, सज्जन सिंह वर्मा, आरिफ अकील, कमलेश्वर पटेल, महेंद्र जोशी, रामेश्वर नीखरा और शोभा ओझा को शामिल किया है। ये सभी कांग्रेस के वरिष्ट नेता हैं। जिनमें से अधिकतर विधायक हैं।
खास बात यह है कि इस सूची के बाद अंदरखाने विवाद भी शुरु हुआ है। जिसके बाद कई जगहों पर नेताओं के समर्थकों ने नाराजगी जताई है। वहीं इस सूची के बाद कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और मध्य प्रदेश के प्रदेश प्रभारी जेपी अग्रवाल ने ट्वीट करते हुए लिखा कि यह आखिरी सूची नहीं है। भारत जोड़ो यात्रा के बाद इसमें विस्तार और संशोधन किया जाएगा। यानि आने वाले वक्त में कांग्रेस में अभी और भी बदलाव देखने को मिलेंगे।
बताया जा रहा है कि एमपी कांग्रेस के संगठन में यह बड़ा बदलाव २०२३ में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर हुए हैं। क्योंकि कमलनाथ खुद एक-एक जिले का दौरा कर सभी जगह की जानकारी ले रहे हैं। कमलनाथ कमजोरियों और मजबूतियों पर पूरी नजर बनाए हुए हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि इन बदलावों का असर २०२३ में होने वाले चुनाव में भी देखने को मिल सकता है।