MP: मप्र में नगरीय और ग्रामीण जनप्रतिनिधियों को खुश करने के लिए चले जा रहे दांव

मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में अगले साल विधानसभा के चुनाव हेाने वाले हैं, इससे पहले नगरीय और ग्रामीण क्षेत्रों (Rural area) के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को खुश करने के लिए सरकार की ओर से लगातार दांव चले जा रहे हैं।

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  • Publish Date - December 20, 2022 / 01:00 PM IST

भोपाल, 20 दिसंबर (आईएएनएस)| मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में अगले साल विधानसभा के चुनाव हेाने वाले हैं, इससे पहले नगरीय और ग्रामीण क्षेत्रों (Rural area) के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को खुश करने के लिए सरकार की ओर से लगातार दांव चले जा रहे हैं। एक तरफ जहां मानदेय बढ़ाया जा रहा है तो दूसरी ओर उनको विकास के लिए मिलने वाली राशि में भी इजाफा किया गया है। सत्ता की सबसे निचली इकाई होती है नगर पालिका और पंचायत। इन संस्थाओं के निर्वाचित प्रतिनिधियों की विधानसभा और लोकसभा चुनाव में बड़ी अहम भूमिका होती है। इस बात को मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बेहतर तरीके से समझते हैं। यही कारण है उन्होंने इन संस्थाओं के प्रतिनिधियों को खुश करने के लिए सियासी दांव चला है। दोनों संस्थाओं के पदाधिकारियों के मानदेय बढाए हैं और उनकी वित्तीय शक्तियों में भी इजाफा किया गया है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नगरीय निकाय के नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों केा एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में कहा कि नगरीय निकायों के जन-प्रतिनिधियों के मानदेय और भत्ते में दोगुने की वृद्धि की गई है। दस लाख से अधिक जनसंख्या के नगर पालिक निगमों में वर्तमान में महापौर को मानदेय 11 हजार, सत्कार भत्ता 2500, अध्यक्ष को मानदेय नौ हजार, सत्कार भत्ता 1400 और पार्षदों को मानदेय प्रतिमाह छह हजार रुपए मिल रहा है। दस लाख से कम जनसंख्या वाले नगर पालिक निगमों के महापौर का मानदेय 11 हजार, सत्कार भत्ता 2500, अध्यक्ष को मानदेय 9 हजार, सत्कार भत्ता 1400 और पार्षद को छह हजार रुपए मानदेय मिल रहा है।

नगरपालिका परिषद में अध्यक्ष का मानदेय तीन हजार रुपए, सत्कार भत्ता 1800, उपाध्यक्ष का मानदेय 2400, सत्कार भत्ता 800 और पार्षद को मानदेय 1800 रुपए मिल रहा है। नगर परिषद में अध्यक्ष को मानदेय 2400 रुपए, सत्कार भत्ता 1100, उपाध्यक्ष को मानदेय 2100, सत्कार भत्ता 800 और पार्षद को 1400 रुपए मासिक मानदेय वर्तमान में मिलता है। इन सभी के मानदेय और भत्तों में दोगुना की वृद्धि की गई है।

प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों की सड़कों के पुर्ननिर्माण के लिये 770 करोड़ रुपए दिये जाएंगे। नगरीय निकायों में मुख्य नगर पालिका अधिकारियों के रिक्त पदों पर सशक्त मुख्य नगर पालिका अधिकारी की पद-स्थापना की जाएगी। सफाई कर्मचारियों के लिये समूह बीमा योजना में दुर्घटना जनित मृत्यु पर अब दो लाख के स्थान पर अब पांच लाख रुपए मिलेंगे। भवन विहीन नव गठित 35 नगरीय निकायों को 1-1 करोड़ रुपए की राशि भवन निर्माण के लिये दी जाएगी। इन्हें अधोसंरचना विकास के लिये भी 80-80 लाख रुपए दिए जाएंगे।

इसके अलावा नगरीय निकायों में मुख्यमंत्री अन्त्योदय दीनदयाल रसोई योजना सभी शहरों में शुरू की जाएगी। अमृत योजना में 12 हजार 800 करोड़ रुपए शहरों में हर घर जल की उपलब्धता और स्वीकृत सीवरेज परियोजनाओं के लिये शुरू किए जाएंगे।

इससे एक पखवाड़े पहले पंचायतों के प्रतिनिधियों का सम्मेलन हुआ था। इस सम्मेलन में भी मुख्यमंत्री ने सरपंचों का मानदेय 1750 रुपए से बढ़ा कर 4250 रुपये प्रतिमाह होगा।

इसके अलावा नया एसओआर (निर्माण कार्य में लगने वाली सामग्री की दर सूची) बनाने का ऐलान किया था। साथ ही पंचायतों के सचिवों के रिक्त पदों की पूर्ति का वादा किया। वहीं ग्राम पंचायत को प्रशासकीय स्वीकृति के अधिकार 15 लाख रूपए से बढ़ा कर 25 लाख रुपए किये जाएंगे। प्रत्येक ग्राम पंचायत में रोजगार सहायक की नियुक्ति की जाएगी। रोजगार सहायक को एक पंचायत से दूसरी पंचायत में स्थानांतरित किया जा सकेगा।