अब नौरादेही अभयारण्य में भी दौड़ेंगे चीते: सीएम मोहन यादव का बड़ा ऐलान, बोले– ‘मध्यप्रदेश नदियों का मायका है’

By : dineshakula, Last Updated : October 31, 2025 | 1:38 pm

खंडवा, मध्य प्रदेश:  मध्य प्रदेश में वन्यजीव संरक्षण को लेकर एक और बड़ा कदम उठाया जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव (Mohan Yadav) ने गुरुवार को खंडवा में मां नर्मदा के तट पर मगरमच्छों को प्राकृतिक आवास में छोड़ने के बाद ऐलान किया कि राज्य सरकार अब नौरादेही अभयारण्य में भी चीते छोड़ने की योजना बना रही है।

सीएम ने कहा, “मध्य प्रदेश नदियों का मायका है। यहां ईश्वर के आशीर्वाद से थलचर, जलचर और नभचर सभी प्रकार के जीव स्वच्छंद रूप से अपना जीवन यापन करते हैं। आज मां नर्मदा के निर्जन स्थान पर मगरमच्छों को उनके प्राकृतिक आवास में छोड़ा गया है। मां नर्मदा के वाहन मगरमच्छ हैं और यह हमारी जैव विविधता का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।”

चीता पुनर्स्थापन का नया अध्याय

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि एशिया से लुप्त हो चुके चीतों की वापसी का ऐतिहासिक कार्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के तहत मध्य प्रदेश में हुआ है। पहले चरण में पालपुर कूनो में और फिर गांधी सागर अभयारण्य में चीतों का पुनर्स्थापन किया गया। अब बहुत जल्द नौरादेही अभयारण्य में भी अफ्रीका और नामीबिया से लाए गए चीते छोड़े जाएंगे।

उन्होंने कहा कि यह कदम न सिर्फ मध्य प्रदेश बल्कि पूरे भारत के लिए वन्यजीव संरक्षण के क्षेत्र में गौरव का विषय है। इससे राज्य में इको-टूरिज्म को भी नया बढ़ावा मिलेगा।

मगरमच्छों को मिला प्राकृतिक घर

खंडवा में मां नर्मदा के प्रवाह क्षेत्र में मुख्यमंत्री ने चार मादा और दो नर मगरमच्छ छोड़े। उन्होंने कहा कि प्रदेश की नदियों — चंबल, सोन, बरगी और अन्य जलस्रोतों में पहले से ही मगरमच्छ और घड़ियाल प्राकृतिक रूप से मौजूद हैं।
सीएम ने कहा, “जल का ईको सिस्टम पर्यावरण की रक्षा करता है। जिस प्रकार मां नर्मदा सबको आशीर्वाद देती हैं, उसी प्रकार वह अपने वाहन मगर को भी आशीर्वाद दें और स्वच्छता का यह कार्य निरंतर चलता रहे।”

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर मध्य प्रदेश स्थापना दिवस की शुभकामनाएं भी दीं और कहा कि यह कदम राज्य के पर्यावरण संरक्षण और जैव विविधता की दिशा में एक बड़ी पहल है।