उज्जैन, (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन (Ujjain) में रविवार को एक नई शुरुआत हुई, इस शहर को देश की पहली स्वस्थ, स्वच्छ, हाइजेनिक फूड स्ट्रीट प्रसादम बनी है, जिसका लोकार्पण मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव एवं केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण एवं रसायन व उर्वरक मंत्री डॉ.मनसुख मांडविया ने किया। प्रसादम के नाम से बनी इस फूड स्ट्रीट में 17 दुकानें हैं। इस का मकसद उज्जैन आने वाले देश-विदेश के श्रद्धालुओं को श्रीअन्न मोटे अनाज से बने स्वादिष्ट व्यंजन उपलब्ध कराना है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने 218.76 करोड़ के 187 कार्यों का रिमोट दबाकर भूमिपूजन एवं लोकार्पण किया, इसमें प्रदेश की 36 स्वास्थ्य संस्थाओं का भूमिपूजन एवं 150 स्वास्थ्य संस्थाओं का लोकार्पण शामिल है। प्रसादम के लोकार्पण कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने कहा कि मध्य प्रदेश में विकास का कारवां लगातार चलता रहेगा, विकास कार्यों से कोई समझौता नहीं किया जायेगा। 14 जनवरी को मकर संक्रांति महिला सशक्तिकरण की दृष्टि से आयोजित की जाएगी।
उन्होंने कहा कि 25 दिन पूर्व उन्होंने खुले में बिकने वाले मांस एवं मछली की दुकानों को हटाने के निर्देश दिये थे। आज प्रदेश में लगभग खुले में बिकने वाली मांस एवं मछली की ऐसी 25 हजार दुकानों को हटाया गया है। उन्होंने कहा कि महाकाल की नगरी उज्जैन भविष्य का ग्रीनविच है। हमने फिजिक्स एवं आईआईटी को जोड़कर रिसर्च कराने का कार्य किया है। उज्जैन से सम्बन्धित हुए बिना जीवन का सार नहीं है। भगवान श्री कृष्ण ने चैंसठ कलाएं उज्जैन से ही सीखी थी।
उज्जैन ही वह स्थान है, जहां से संघमित्रा एवं महेन्द्र बौद्ध धर्म का प्रचार करने के लिए श्रीलंका गए थे। विक्रमादित्य एवं उनके भाई राजा भर्तृहरि का सम्बन्ध भी उज्जैन से ही था। उज्जैन राजा भोज की राजधानी भी थी। इसके पूर्व मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने प्रसादम में मालवा के स्थानीय चाय एवं व्यंजन का आनन्द लिया। प्रसादम का अवलोकन कर फूड हैंडलरों से संवाद किया। कन्या पूजन भी किया।
डॉ.मांडविया ने देश की प्रथम हाईजेनिक फूड स्ट्रीट प्रसादम के लोकार्पण पर कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पहली बार डेवलपमेंट को स्वास्थ्य से जोड़ा है। स्वास्थ्य अच्छा रहे इसके लिए जहां अस्पतालों की जरूरत है, वहीं आम नागरिकों को स्वस्थ व स्वच्छ फूड मिले, इसकी भी जरूरत है।