भोपाल के बड़े तालाब सहित जल संरचनाओं में नहीं चलेंगे क्रूज और मोटरबोट
By : hashtagu, Last Updated : September 13, 2023 | 12:37 pm
एनजीटी में डा सुभाष पांडे की ओर से एक याचिका दायर की गई थी। इस याचिका की सुनवाई के बाद एनजीटी ने आदेश दिया है कि जल स्रोतों में क्रूज या मोटर बोट नहीं चलाएं, साथ ही जलाशयों के किनारे बफर जोन में किसी तरह का कोई निर्माण कार्य भी नहीं किया जाए। यदि पूर्व में कोई पक्का निर्माण है तो उसे तोड़ा जाए।
इसी आदेश में कहा गया है कि यदि क्रूज बड़ी संख्या में मनोरंजन के लिए चलाए जाते हैं तो माना जाएगा कि उद्योग चल रहा है। जल स्रोतों में प्रदूषण नियमों की निगरानी और सहमति के बिना इनका संचालन संभव नहीं है।
इतना ही नहीं भोपाल के बडे़ तालाब में जो क्रूज चल रहा है वह नियमों का उल्लंघन भी है। जल स्रोतों व जल संरचनाओं पर क्रूज के संचालन से डीजल और डीजल इंजन से निकलने वाले उत्सर्जन को इंसानों और जलीय जीवों के लिए एनजीटी ने खतरा माना है। ऐसा इसलिए क्योंकि इससे उत्सर्जित सल्फर और नाइट्रोजन ऑक्साइड पानी को एसिडिक बना देता है। यह इंसान और जलीय जीव दोनों के लिए खतरनाक है।
दुनिया के कई देशों में वेटलैंड में सिर्फ चार स्ट्रोक इंजन वाले मोटरबोट का संचालन किया जा रहा है, इसको लेकर एनजीटी ने कहा है कि तय नियमों का पालन करते हुए वेटलैंड में फोर स्ट्रोक इंजन और मैकेनिकल बोट के संचालन की एसओपी तैयार की जाए।
एनजीटी का यह आदेश राज्य के पर्यटन विभाग के लिए बड़ा झटका है। विभाग जहां भोपाल के बड़े तालाब में एक क्रूज चल रहा है, वहीं उसकी नर्मदा नदी सहित कई स्थानों पर पर्यटकों को लुभाने के लिए क्रूज और मोटरबोट चलाने की योजना है।