भोपाल में वैदिक पथ के बीच सुनी गई पीएम मोदी के मन की बात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में वैदिक पथ (Vedic Path in Bhopal) के बीच सुनी गई।

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  • Updated On - November 26, 2023 / 06:17 PM IST

भोपाल, 26 नवंबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात (Prime Minister Narendra Modi’s thoughts) मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में वैदिक पथ (Vedic Path in Bhopal) के बीच सुनी गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रेडियो कार्यक्रम “मन की बात“ का 107 वां संस्करण रविवार को प्रसारित हुआ।

  • भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद विष्णुदत्त शर्मा, प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद व पूर्व मंत्री व विधायक अजय विश्नोई ने बंसल वन स्थित पार्टी के प्रदेश मीडिया सेंटर में दिव्यांग बच्चों के साथ “मन की बात“ कार्यक्रम को सुना।
  • प्रधानमंत्री के मन की बात कार्यक्रम से पहले दिव्यांग बच्चों और दिव्यांग जनों की उपस्थिति में वैदिक बटुकों ने वेद पाठ किया। सुबह सवा दस बजे से करीब एक सैकड़ा से अधिक दिव्यांगजनों की मौजूदगी में वैदिक बटुकों ने वेद पाठ किया।
  • कार्यक्रम का शुभारंभ मन की बात कार्यक्रम के प्रदेश प्रभारी व पार्टी के प्रदेश कार्यालय मंत्री डॉ. राघवेंद्र शर्मा और प्रदेश मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल ने दीप प्रज्जवलित कर किया। वैदिक बटुकों द्वारा किए गए वेदपाठ ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया और पूरा वातावरण आध्यात्मिक हो गया।

कार्यक्रम में दिव्यांग जनों के लिए इंटर प्रिटेटर उपस्थित थे, जिन्होंने साइन लैंग्वेज के माध्यम से दिव्यांग जनों को प्रधानमंत्री के उद्बोधन से अवगत कराया।

कार्यक्रम के पश्चात उपस्थित जनों को सम्बोधित करते हुए विष्णुदत्त शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “मन की बात“ कार्यक्रम उन लोगों का जिक्र कर करते हैं जो बिना प्रसिद्धि के निस्वार्थ भाव से हमेशा देश और समाज के लिए काम करते हैं। इससे समाज सेवा के प्रति उनका जो जज्बा है, उसे प्रोत्साहन मिलता है।

मन की बात कार्यक्रम से पहले अपने उद्बोधन में पार्टी के प्रदेश कार्यालय मंत्री और मन की बात कार्यक्रम के प्रदेश प्रभारी राघवेंद्र शर्मा ने कहा कि भौतिक नेत्रों की इतनी क्षमता नहीं कि वे भगवान और आध्यात्मिकता का पूरा दर्शन कर सकें। हर व्यक्ति जब मंदिर या धार्मिक स्थल जाता है तो वह आंखे बंद कर मन से ही भगवान के दर्शन करता है। यही आध्यात्मिक दर्शन है। विज्ञान आज जहां तक पहुंचा है, पहुंच रहा है या पहुंचेगा, वह हमारे वेदों के आधार पर ही पहुंचा है। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस विज्ञान का चमत्कार है, वह भी बिना वेदों के संभव नहीं है।