भोपाल 8 जून (आईएएनएस)| मध्यप्रदेश के सीहोर जिले (Sehore district) में लगभग 300 फीट गहरे बोरवेल के गड्ढे में गिरी ढाई साल की बच्ची सृष्टि जिंदगी की जंग हार गई। लगभग 50 घंटे चले राहत और बचाव अभियान में रोबोटिक तकनीक की मदद से बच्ची को बाहर निकाल निकाला गया, बच्ची अचेत थी, अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
ज्ञात हो कि सीहोर जिले के मुंगावली गांव में राहुल कुशवाहा की ढाई साल की बच्ची सृष्टि मंगलवार की दोपहर को घर के पास ही खेत में खेल रही थी और वह बोरवेल के खुले पड़े गड्ढे में जा गिरी, बच्ची पहले 25 फुट की गहराई पर थी और उसके बाद से वह लगातार नीचे खिसकती गई, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के दल बचाव काम में लगे रहे। बुधवार को एनडीआरएफ, एसडीआरएफ के साथ सेना को राहत और बचाव कार्य में लगाया गया। बच्ची को हुक के जरिए बाहर निकालने की कोशिश हुई मगर नाकामी हाथ लगी। बच्ची उपर आने की बजाय हुक से गिरकर सौ फुट से ज्यादा नीचे जा पहुंची।
बच्ची को बाहर निकालने में जब सफलता नहीं मिली तो विशेषज्ञों के परामर्श के साथ रोबोट टीम के मदद के लिए बुलाया गया। रोबोटिक तकनीक के जरिए इस टीम के सदस्यों ने बच्ची का आंकलन किया। उसके बाद बच्ची के रोबोटिक तकनीक के जरिए बाहर निकाला गया। वह उस वक्त पूरी तरह अचेत थी। उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित किया गया। जिलाधिकारी प्रवीण सिंह आठयच ने बच्ची की मौत की पुष्टि की है। वहीं पुलिस अधीक्षक के अनुसार जिसके खेत में बोरवेल का गड्ढा था उसके खिलाफ प्रकरण दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।
बच्ची के बोरवेल के गडढे में गिरने के बाद उसे सुरक्षित निकालने के लिए जहां पोकलेन और जेसीबी मशीनों की मदद ली गई, समानांतर गडढा खोदा गया, एक तरफ राहत और बचाव अभियान चलता रहा वहीं बच्ची लगातार नीचे की तरफ खिसकती गई। तो वहीं बच्ची की हरकत पर कैमरे से नजर रखी जा रही है। इसके साथ ही ऑक्सीजन की आपूर्ति का भी क्रम जारी रहा।
बच्ची को बचाने के इस अभियान में जहां सेना की मदद ली गई तो वहीं एक्सपर्ट व रोबोट को भी इस अभियान का हिस्सा बनाया गया। रोबोटिक तकनीक के जरिए बच्ची को स बाहर निकाला गया, मगर उसके शरीर में किसी तरह की हरकत नहीं थी। उसे तुरंत एम्बुलेंस के जरिए जिला अस्पताल ले जाया गया।
बच्चे की दादी कलावती बाई ने बताया है कि मंगलवार की दोपहर को सृष्टि खेलने का कहकर गई थी घर के पास ही दूसरे का खेत है बोरवेल पर है तगारी रखी थी मेरी होती है उस में बैठी और अंदर गिर गई मैंने चिल्लाते हुए पकड़ने लगी लेकिन वह बोरवेल में गिर चुकी थी।