मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव का बढ़ रहा है सियासी कद
By : hashtagu, Last Updated : October 14, 2024 | 12:17 pm
राज्य के मुख्यमंत्री पद की कमान संभाले डॉ यादव को लगभग 10 माह हो चुके हैं और इस दौरान राज्य में हुए विधानसभा के उपचुनाव में जीत मिलने के अलावा पार्टी का राज्य में ग्राफ बढ़ा है। अभी हाल ही में हुए हरियाणा के विधानसभा चुनाव में डॉ यादव ने पांच विधानसभा क्षेत्रों भिवानी, दादरी, तोशाम, बवानी खेड़ा और झज्जर में पार्टी के उम्मीदवारों का प्रचार किया था। इनमें से चार स्थानों पर भाजपा उम्मीदवारों को जीत मिली जबकि झज्जर में हार का सामना करना पड़ा। इस तरह 80 फ़ीसदी उन स्थानों पर भाजपा को जीत मिली जहां पर डॉ यादव ने प्रचार किया था। भाजपा के लिए यह ऐसा विधानसभा चुनाव था जिसमें एक-एक सीट पार्टी के लिए महत्वपूर्ण थी।
भाजपा ने हरियाणा में तमाम पूर्वानुमानों को झुठलाते हुए जीत की हैट्रिक बनाई है और अब वहां विधायक दल का नेता चुना जाना है। पार्टी ने विधायक दल का नेता चुनने के लिए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के साथ मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव को केंद्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त किया है। डॉ यादव को मिली यह जिम्मेदारी सियासी तौर पर उनके बढ़ते कद का संकेत और संदेश देने वाली है। यह पहला अवसर है जब मुख्यमंत्री डॉ यादव किसी दूसरे राज्य के नेता के चयन की प्रक्रिया में मौजूद रहेंगे। यह सियासी संयोग है कि डॉ यादव को मुख्यमंत्री चुने जाने में हरियाणा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने केंद्रीय पर्यवेक्षक की भूमिका निभाई थी और अब हरियाणा के नेता चयन में डॉ यादव केंद्रीय पर्यवेक्षक की भूमिका निभाने वाले हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव पिछड़े वर्ग का बड़ा चेहरा है और पार्टी ने हरियाणा चुनाव में उनका बेहतर उपयोग किया है। आगामी झारखंड और बिहार के चुनाव में भी पार्टी उनका उपयोग करेगी। हरियाणा के नेता चयन में मिली बड़ी जिम्मेदारी ने यादव की सियासी हैसियत बढ़ाने के संकेत तो दे ही दिए हैं। इतना ही नहीं भाजपा मध्य प्रदेश में एक नए चेहरे को खड़ा करने की कोशिश कर रही है ,उसी क्रम में डॉ यादव का कद बढ़ाया जा रहा है।