मध्यप्रदेश। वाह ! सीएम साहब को खुश करने के लिए यहां के अफसरों ने तो हद कर दी। आदिवासी बच्चे का नाम उसके माता पिता पर दबाव डालकर हेमराज मरावी से बदलकर पेसा रखा दिया। क्योंकि हाल ही में राज्य में आदिवासियों के लिए पेसा कानून लागू किया गया है। जबरिया नाम रखने के पीछे का कारण जब लोगों के सामने आया तो सभी चौंक गए। डिंडौरी जिले के गुरैया गांव में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का दौरा कार्यक्रम था। यहां काफी संख्या में आदिवासी रहते है। लेकिन इस कार्यक्रम में सीएम को कैसे खुश किया जाए। उसके लिए अफसरों और कर्मचारियों में दिमागी खुराफात सूझी। फिर क्या था, सभी कार्यक्रम के पूर्व ही गांव पहुंच गए। और वहां कुछ परिवारों से मिले। उनकी तलाश थी, की एक ऐसा बच्चा मिले जो तीन माह से साल भर का हो।
आखिरकार, अपने खुराफाती मिशन में उन्हें कामयाबी मिल भी गई। ले देकर किसी तरह एक बच्चा मिला जिसका नाम हेमराज मरावी था, उसके माता पिता को बताया की सीएम साहब ही पेसा नाम रखने के लिए बोले हैं। कुछ सरकारी योजनाओं का लाभ भी मिलेगा। और सीएम साहब आप लोगों से मिलेंगे। गरीब आदिवासी परिवार भी इस बात को मान गया। और अपने बच्चे का नाम पेसा रखने के लिए राजी हो गए।
आखिकार, वह दिन भी आ गया। कार्यक्रम के दौरान उस बच्चे का नाम मंच से लिया गया और बच्चे को लेकर मां आई तो सीएम साहब भी, कहां चूकने वाले। क्योंकि बच्चे का नाम तो अब पेसा रख दिया था। ऐसे में उन्होंने बच्चे को गोद में खूब दुलार किया। इसकी फोटो भी सरकारी विज्ञप्ति और सोशल मीडिया में वायरल हुई। हां, इसी बीच एक दो माह की दीपमाला का नामकरण भी जब्दस्ती पेसा रख दिया। उस वक्त तो माता पिता नाम बदलने से घबराए लेकिन कुछ बोल नहीं सके। कार्यक्रम समाप्त हुआ, सीएम चले गए।
इसके बाद उन्हें चिंता हो गई। बच्चे का नाम बदल गया है।
फिर वापस पुराना नाम रखने लिए सीएम से गुहार
फिर क्या बच्चे के माता पिता इतने बैचेन हो गए की पेसा नामकरण को हटाने के लिए सीएम से गुहार लगाए। जिससे पूरा मामला खुल गया। इसके बाद तो मुद्दे का राजनीतिकरण होने लगा। जिस कांग्रेस भी सरकार पर पेसा कानून का राजनीतिक लाभ लेने के लिए आदिवासियों को हथियार बनाने का आरोप लगाने लगी। बहरहाल, अब आदिवासी बच्चे का नाम पूर्व का रहेगा।