मोदी सरकार के 9 साल-भाजपा ने गिनाए 9 कमाल
By : hashtagu, Last Updated : May 27, 2023 | 6:04 pm
भाजपा ने ‘नौ साल, नौ कमाल – सेवा,समर्पण और गरीब कल्याण’ के टैग लाइन के साथ सरकार की नौ उपलब्धियों को गिनाते हुए कहा कि यूपीए सरकार के दौरान मुद्रास्फीति की औसत दर 8.7 प्रतिशत रही है, जबकि एनडीए सरकार में यह 4.8 प्रतिशत ही है। वर्ष 2017 से 2023 के बीच एमएसएमई क्षेत्र में 6.76 करोड़ नौकरियां सृजित की गई हैं और 41 करोड़ से अधिक लोगों को अत्यधिक गरीबी से निकाला गया है। भाजपा ने यह भी कहा कि कांग्रेस ने दोस्तों और रिश्तेदारों को कोयला खदानें आवंटित की जबकि एनडीए ने एक पारदर्शी नीलामी की स्थापना की।
कृषि और किसान के लिए मोदी सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का जिक्र करते हुए यह दावा किया गया है कि पीएम-किसान के माध्यम से 11 करोड़ से ज्यादा किसान लाभान्वित हुए हैं। कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में 2006 से 2014 के बीच चावल के लिए 3.09 लाख करोड़ रुपये एमएसपी का भुगतान किया गया था, जबकि एनडीए सरकार ने वर्ष 2014 से 2022 के दौरान 10.64 लाख करोड़ रुपये का भुगतान किया है। वर्ष 2016 से 2023 के दौरान किसानों की आय में 70 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि होने की बात कहते हुए 9 वर्षों में इसके दोगुना होने का भी दावा किया गया है।
भ्रष्टाचार और क्रोनिज्म के मोर्चे पर कांग्रेस के आरोपों को खारिज करते हुए भाजपा ने कहा कि एक साल में एलआईसी का मुनाफा 27 गुना बढ़ा वहीं एसबीआई ने अब तक का सबसे अधिक तिमाही मुनाफा दर्ज किया है।
क्रिश्चियन मिशेल का उदाहरण देते हुए यह दावा किया गया है कि धोखाधड़ी के मामले में आरोपियों को वापस लाने में एनडीए का अब तक का सबसे अच्छा रिकॉर्ड रहा है। यह भी दावा किया गया है कि बीजेपी और उसके सहयोगियों का शासन में सबसे अच्छा रिकॉर्ड है। इसलिए, कांग्रेस सिर्फ 4 राज्यों की सत्ता तक ही सिमट गई है जबकि वे वर्तमान में 15 राज्यों में सरकार चला रहे हैं।
चीन और राष्ट्रीय सुरक्षा के मसले पर भी मोदी सरकार के कमाल की बात करते हुए यह कहा गया है कि चीन ने केवल एक बार भारतीय भूमि पर कब्जा किया था, जब नेहरू के कार्यकाल में 1962 में भारत पराजित हुआ था। डोकलाम और गलवान का उदाहरण देते हुए भाजपा ने यह दावा किया कि एनडीए सरकार के दौरान भारत ने चीन के साथ आंख में आंख मिलाकर जवाब दिया। दोनों देशों के बीच 18 बैठकें हो चुकी हैं क्योंकि संसद में 2013 में एके एंटनी द्वारा दिए गए बयान के विपरीत अब भारत हिल नहीं रहा है।
सामाजिक सद्भाव के मामले में कांग्रेस पर नफरत की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए भाजपा ने कहा कि सिर्फ एक राज्य का चुनाव जीतने के लिए एक भारतीय ब्रांड के खिलाफ भावनाओं को भड़काने से नफरत की राजनीति का बड़ा उदाहरण क्या हो सकता है? कांग्रेस और नफरत की राजनीति एक दूसरे के पर्यायवाची हैं, और इसलिए भारत के अधिकांश हिस्सों से कांग्रेस का सफाया हो गया है।
सामाजिक न्याय के मोर्चे पर सरकार के कमाल का जिक्र करते हुए भाजपा ने कहा है कि कांग्रेस ने ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा देने का विरोध किया। कांग्रेस ने भारत की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति का अपमान किया। उन्होंने तीन तलाक बिल का विरोध किया। कांग्रेस अपने शीर्ष नेता पर उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली कांग्रेस कार्यकर्ता को बदनाम कर रही है।
लोकतंत्र और संघवाद को लेकर विपक्षी दलों द्वारा लगातार लगाए जा रहे आरोपों का जवाब देते हुए भाजपा ने कहा है कि कांग्रेस ने एक सीजेआई पर महाभियोग चलाने की धमकी दी, जिन्होंने कांग्रेस के वकीलों के कहने पर फैसला लिखने से इनकार कर दिया था। सीवीसी में कांग्रेस की नियुक्तियों को घोर अवैधता के लिए शून्य माना गया। कांग्रेस ने 90 बार अनुच्छेद 356 लगाकर राज्य की वैध सरकारों को बर्खास्त किया। दावा किया गया कि एनडीए को इस बुराई को समाप्त करना है और जनादेश की दिनदहाड़े लूट भी नहीं होने दी जाएगी।
कल्याणकारी योजनाओं की बात करते हुए भाजपा ने यह दावा किया है कि पीएम मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार कल्याणकारी योजनाओं के लीक-प्रूफ वितरण के लिए जानी जाती है। डीबीटी के माध्यम से 28 लाख से अधिक ट्रांसफर से लेकर 80 करोड़ से अधिक लोगों को मुफ्त भोजन उपलब्ध कराने तक के रिकॉर्ड के बराबर कोई नहीं है।
कोविड 19 के महामारी के दौरान भी सरकार के बेहतर प्रबंधन का दावा करते हुए भाजपा ने कहा है कि महामारी के दौरान, कांग्रेस डर, दहशत और फर्जी खबरें फैला रही थी। कांग्रेस ने न केवल भारतीय टीकों और वैज्ञानिकों का अपमान किया बल्कि वह अंतर्राष्ट्रीय बड़ी फार्मा के लिए लॉबिस्ट भी बन गई।
कोविड महामारी का सामना करने के मामले में दुनिया भर के सबसे सफल प्रबंधन के लिए दुनिया भारत की तारीफ कर रही है। टीकों की 2.2 बिलियन खुराक देने से लेकर दुनिया में सबसे कम मृत्यु दर तक और अर्थव्यवस्था के प्रबंधन से लेकर दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था के रूप में उभरने से लेकर सहज तकनीक-संचालित टीकाकरण तक, भारत ने वैश्विक मानदंड स्थापित किए हैं।
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