नई दिल्ली, 19 जून (आईएएनएस)। केंद्र सरकार की ओर से प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) स्कीम में बड़े बदलाव की तैयारी (Preparing for change) की जा रही है। इसके तहत नए सेक्टरों को इसमें जोड़ा जाएगा और एमएसएमई (माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज) के लिए फायदों को बढ़ाया जाएगा।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पीएलआई स्कीम में सुधार के तहत सरकार फंड जुटाने के नियमों को आसान बना सकती है। इसमें नए सेक्टरों को जोड़ने के साथ अधिक श्रम वाले क्षेत्रों की एमएसएमई को ज्यादा लाभ दिए जा सकते हैं।
सरकार का पूरा ध्यान मैन्युफैक्चरिंग बढ़ाने को लेकर है। पीएलआई में रिसर्च और डेवलपमेंट (आरएंडडी) के लिए इंसेंटिव को जोड़ा जाएगा।
टॉय, फर्नीचर और कपड़ा क्षेत्र को इस स्कीम के अंदर जल्द ही कवर किया जा सकता है। इन क्षेत्रों में अधिक नौकरियां पैदा होने की संभावना है। सरकार मानव निर्मित फाइबर (एमएमएफ) को भी पीएलआई स्कीम के तहत ला सकती है। इसके अलावा कुछ कॉटन को कवर करने के लिए टेक्निकल टेक्सटाइल को भी इसमें शामिल किया जा सकता है। इनका ऐलान आगामी बजट में हो सकता है।
पीएलआई का लाभ प्राप्त कर चुकी कंपनियों की ओर से दिसंबर 2023 तक 1.07 लाख करोड़ रुपये निवेश किए जा चुके हैं। इनसे 9 लाख करोड़ रुपये से अधिक की ब्रिकी हुई है और 7 लाख से ज्यादा रोजगार के अवसर पैदा हुए हैं।
यह भी पढ़ें : ‘हमारे बारह’ अब 21 जून को होगी रिलीज, बॉम्बे हाई कोर्ट ने दी हरी झंडी
यह भी पढ़ें :बंगाल भाजपा ने प्रदर्शन के लिए राजभवन के पास जगह देने के पुलिस के ‘प्रस्ताव’ को किया खारिज
यह भी पढ़ें :भारत दुनिया के लिए शिक्षा और ज्ञान का केंद्र बने : पीएम मोदी