सीवोटर-सर्वेक्षण : बहुमत को लगता है कि भारत-अमेरिका-संबंधों के कारण चीन-एशिया पर हावी नहीं हो सकता

By : hashtagu, Last Updated : June 25, 2023 | 4:45 pm

नई दिल्‍ली, 25 जून (आईएएनएस)। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की संयुक्त राज्य अमेरिका की राजकीय यात्रा (State visit to the United States) के दौरान जनता की राय जानने के लिए सीवोटर द्वारा भारत भर में किए गए स्नैप पोल से पता चलता है कि अधिकांश भारतीयों की राय है कि पीएम मोदी की अमेरिका की नवीनतम यात्रा ने सुनिश्चित किया है कि चीन अब एशिया पर पूरी तरह से हावी होने की स्थिति में नहीं रहेगा।

स्नैप पोल के दौरान पूछा गया सवाल था: क्या आपको लगता है कि भारत और अमेरिका के बीच हस्ताक्षरित समझौते यह सुनिश्चित करेंगे कि चीन एशिया पर पूरी तरह से हावी नहीं हो सके? कुल मिलाकर, प्रत्येक उत्तरदाता में से पांच से अधिक निश्चित रूप से हां कहते हैं, जबकि अन्य 12 प्रतिशत कुछ हद तक हां कहते हैं। केवल लगभग दसवें उत्तरदाताओं की राय है कि समझौते निश्चित रूप से एशिया पर चीन के पूर्ण प्रभुत्व को समाप्त नहीं करेंगे। उत्तरदाताओं की विभिन्न श्रेणियों की नजरों में भिन्नता है। जबकि भाजपा का समर्थन करने वाले दो-तिहाई से अधिक लोग सोचते हैं कि भारत-अमेरिका समझौते निश्चित रूप से यह सुनिश्चित करेंगे कि चीन एशिया पर पूरी तरह से हावी नहीं हो सके, विपक्षी दलों का समर्थन करने वाले दस में से चार लोग भी यही भावना रखते हैं।

24 जून को, पीएम मोदी ने एक सफल राजकीय यात्रा पूरी की, जिसके परिणामस्वरूप रक्षा, दूरसंचार, सेमी-कंडक्टर, ऊर्जा, शिक्षा और अंतरिक्ष अन्वेषण और क्वांटम कंप्यूटिंग सहित अन्य अग्रणी प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में कई समझौते हुए। राष्ट्रपति जो बाइडेन ने औपचारिक स्वागत और आधिकारिक भोज के अलावा व्हाइट हाउस में एक निजी रात्रिभोज के लिए पीएम मोदी को आमंत्रित किया, इसमें 500 से अधिक मेहमान शामिल हुए। राजकीय यात्रा के दौरान, पीएम मोदी दो मौकों पर अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त सत्र को संबोधित करने वाले पहले भारतीय नेता बने। दर्जनों बहुराष्ट्रीय कंपनियों के सीईओ से मिलने के अलावा, पीएम मोदी ने न्यूयॉर्क और वाशिंगटन में दो बार भारतीय प्रवासियों को भी संबोधित किया।

यह भी पढ़ें : महाजुटान में ‘दल’ जुटे, लेकिन ‘दिल’ जुड़ने की राह में कई चुनौतियां