15 करोड़ का घोड़ा और 23 करोड़ की भैंस बने आकर्षण का केंद्र: पुष्कर मेला 2025 में दिखा पशुधन का शाही जलवा
By : dineshakula, Last Updated : October 28, 2025 | 12:04 pm
पुष्कर, राजस्थान: राजस्थान के प्रसिद्ध पुष्कर पशु मेला 2025 (Pushkar Mela 2025) में इस बार देश के सबसे महंगे और शानदार पशु देखने को मिल रहे हैं। हजारों पशुओं के बीच इस बार दो सितारे सबसे ज्यादा चर्चा में हैं — 15 करोड़ रुपये का घोड़ा ‘शहबाज़’ और 23 करोड़ रुपये की भैंस ‘अनमोल’। ये दोनों ही पशु मेले में व्यापारियों, पर्यटकों और देश-विदेश से आए दर्शकों के आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं।
शहबाज़, चंडीगढ़ के गैरी गिल के स्वामित्व वाला ढाई साल का घोड़ा है, जिसकी कीमत 15 करोड़ रुपये बताई गई है। यह मरवाड़ी नस्ल का घोड़ा कई शो जीत चुका है और अपनी शानदार नस्ल व शारीरिक बनावट के लिए जाना जाता है। गिल के अनुसार, “शहबाज़ की कवरिंग फीस 2 लाख रुपये है और अब तक 9 करोड़ रुपये तक के ऑफर आ चुके हैं।”
वहीं राजस्थान से आई भैंस ‘अनमोल’ ने सबको चौंका दिया है। उसके मालिक के मुताबिक, इस भैंस की कीमत 23 करोड़ रुपये है और उसे राजसी अंदाज में पाला जाता है। भैंस को रोजाना दूध, देसी घी और मेवे खिलाए जाते हैं ताकि उसकी सेहत और उत्पादन क्षमता बनी रहे।
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इसी मेले में उज्जैन की एक और भैंस ‘राणा’ भी आकर्षण का केंद्र बनी हुई है, जिसकी कीमत 25 लाख रुपये है। यह भैंस करीब 600 किलो वजनी, आठ फीट लंबी और साढ़े पांच फीट ऊंची है। राणा को रोजाना करीब 1,500 रुपये का पौष्टिक भोजन दिया जाता है, जिसमें बेसन, अंडे, तेल, दूध और लिवर टॉनिक शामिल हैं।
घोड़ों की दुनिया का एक और सितारा ‘बादल’ भी मेले में तीसरी बार शामिल हुआ है। यह घोड़ा अब तक 285 शावकों का पिता बन चुका है और इसके मालिक को 11 करोड़ रुपये तक के ऑफर मिले हैं, लेकिन उन्होंने बेचने से इनकार कर दिया है।
पुष्कर मेला राजस्थान की पशुपालन परंपरा का प्रतीक है। यहां हर साल सर्वश्रेष्ठ दूध उत्पादक, सर्वश्रेष्ठ घोड़ा नस्ल और सबसे सुंदर ऊंट जैसी प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं। इस बार मेले में 3,000 से अधिक पशु पंजीकृत किए गए हैं।
पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. सुनील घिया ने बताया कि मेले में आने वाले सभी पशुओं की जांच और टैगिंग की जा रही है ताकि किसी तरह की संक्रामक बीमारी फैलने से बचा जा सके। मेला 23 अक्टूबर से शुरू होकर 7 नवंबर तक चलेगा, जिसमें देशभर से व्यापारी और पशुप्रेमी शामिल हो रहे हैं।




