जीपीआईसीपीएल को अपने बैंक खातों में 1,487 करोड़ रुपये मिले, वीवो इंडिया के खातों में 1,200 करोड़ रुपये भेजे गए : ईडी
By : hashtagu, Last Updated : October 11, 2023 | 11:59 am
ये खुलासे ईडी ने अदालत में किए, जिसने पहले दिन में चीनी मोबाइल फोन निर्माता वीवो के तीन अधिकारियों को गिरफ्तार किया, जिनकी पहचान चीनी नागरिक गुआंगवेन क्यांग उर्फ एंड्रयू कुआंग, राजन मलिक और चार्टर्ड अकाउंटेंट नितिन गर्ग के साथ-साथ लावा के इंटरनेशनल एमडी हरिओम राय के रूप में हुई।
कोर्ट ने सभी को तीन दिन की ईडी हिरासत में भेज दिया।
ईडी ने अदालत को सूचित किया कि जीपीआईसीपीएल के कुछ चीनी शेयरधारकों ने जाली पहचान दस्तावेजों और गलत पते के आधार पर कंपनी को शामिल किया।
ईडी ने कहा, “जांच के दौरान कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय को कुछ फर्जी गतिविधियां मिलीं। वह कंपनी आधिकारिक रिकॉर्ड में वीवो की सहायक कंपनी के रूप में रिपोर्ट नहीं कर रही थी, जबकि वह सार्वजनिक रूप से खुद को वीवो की सहायक कंपनी बताती है।”
यह भी आरोप लगाया गया कि निदेशक और शेयर धारक झांग जी ने अपना शिलांग पता देने के लिए निदेशक पहचान संख्या (डीआईएन) लगाने के लिए गलत ड्राइविंग लाइसेंस का इस्तेमाल किया और बैंक खाता खोलने में भी अपने फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस का इस्तेमाल किया।
झांग के अलावा, झेंगशेन ओउ और बिन लू भी वीवो के पूर्व निदेशक थे और जीपीआईसीपीएल व भारत में कई अन्य कंपनियों के संस्थापक और हितधारक थे।
ईडी ने कहा, “चीनियों ने वीवो समूह की कंपनियों की बिक्री और बिक्री के बाद की सेवाओं की आड़ में देश में एक विस्तृत नेटवर्क स्थापित किया।”
इस बीच, ईडी की कार्रवाई पर टिप्पणी करते हुए वीवो के एक प्रवक्ता ने आईएएनएस से कहा, “वीवो दृढ़ता से अपने नैतिक सिद्धांतों का पालन करता है और कानूनी अनुपालन के लिए समर्पित है। हालिया गिरफ्तारी से हमें गहरी चिंता है। हम सभी उपलब्ध कानूनी विकल्पों का इस्तेमाल करेंगे।”
ईडी की जांच से पता चला था कि जीपीआईसीपीएल के वही निदेशक, बिन लू, वीवो के पूर्व निदेशक भी थे। वर्ष 2014-15 में वीवो के निगमन के तुरंत बाद, उन्होंने देश भर में विभिन्न राज्यों में फैली कई कंपनियों, कुल 18 कंपनियों को शामिल किया था और इसके अलावा एक अन्य चीनी नागरिक ज़िक्सिन वेई ने 4 कंपनियों को शामिल किया था।