बजट में आदिवासियों व ग्रामीण क्षेत्रों को अंतिम छोर तक सुविधाएं प्रदान करने पर ध्यान किया गया है केंद्रित : पीएम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने सोमवार को कहा कि केंद्रीय बजट 2023-24 में आदिवासी और ग्रामीण इलाकों में अंतिम छोर तक सुविधाएं मुहैया कराने पर विशेष ध्यान दिया गया है।

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  • Publish Date - February 27, 2023 / 12:40 PM IST

नई दिल्ली, 27 फरवरी (आईएएनएस)| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने सोमवार को कहा कि केंद्रीय बजट 2023-24 में आदिवासी और ग्रामीण इलाकों में अंतिम छोर तक सुविधाएं मुहैया कराने पर विशेष ध्यान दिया गया है। ‘रीचिंग द लास्ट माइल’ पर बजट के बाद के वेबिनार को संबोधित करते हुए, मोदी ने कहा, पहली बार, देश इस पैमाने पर हमारे देश के आदिवासी समाज की क्षमता का दोहन कर रहा है। जितना अधिक जोर हम सुशासन पर देंगे, उतनी ही आसानी से अंतिम मील तक पहुंचने का हमारा लक्ष्य पूरा हो जाएगा, अंतिम मील तक पहुंचने का ²ष्टिकोण और संतृप्ति की नीति एक दूसरे के पूरक हैं।

जब हमारा उद्देश्य सभी तक पहुंचना है, तो भेदभाव और भ्रष्टाचार की कोई गुंजाइश नहीं होगी।

उन्होंने कहा कि आदिवासी समुदाय के सबसे वंचित लोगों के लिए विशेष मिशन के तहत तेजी से सुविधाएं प्रदान करने के लिए पूरे देश के दृष्टिकोण की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा कि आकांक्षी जिला कार्यक्रम अंतिम मील तक पहुंचने के मामले में एक सफल मॉडल के रूप में उभरा है।

वांछित लक्ष्यों के लिए सुशासन और निरंतर निगरानी के महत्व पर जोर देते हुए प्रधान मंत्री ने कहा, जितना अधिक हम सुशासन पर जोर देंगे, उतनी ही आसानी से अंतिम मील तक पहुंचने का हमारा लक्ष्य पूरा हो जाएगा।

उन्होंने मिशन इन्द्रधनुष के तहत और कोविड महामारी के दौरान टीकाकरण और वैक्सीन कवरेज में नए ²ष्टिकोण का उदाहरण दिया, ताकि अंतिम छोर तक डिलीवरी सुनिश्चित करते हुए सुशासन की शक्ति का वर्णन किया जा सके।

उन्होंने कहा कि पहले बुनियादी सुविधाओं के लिए गरीब सरकार के पीछे भागता था, उसके विपरीत अब सरकार गरीबों के दरवाजे तक पहुंच रही है।

पीएम ने कहा, जिस दिन हम यह तय कर लेंगे कि हर क्षेत्र में हर नागरिक को हर बुनियादी सुविधा मुहैया कराई जाएगी, तब हम देखेंगे कि स्थानीय स्तर पर कार्य संस्कृति में कितना बड़ा बदलाव आएगा। संतृप्ति की नीति के पीछे यही भावना है। जब हमारा लक्ष्य सभी तक पहुंचना है, तब भेदभाव और भ्रष्टाचार की कोई गुंजाइश नहीं होगी और तभी हम अंतिम मील तक पहुंचने का लक्ष्य भी पूरा कर पाएंगे।