नई दिल्ली, 9 अप्रैल (आईएएनएस)। (Violence against minorities in Bangladesh) भारत ने एक बार फिर बांगलादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा और अत्याचारों पर चिंता जताई है। भारत का कहना है कि बांग्लादेश सरकार को ऐसे हमलों के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। यह बयान भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल (Indian Foreign Ministry spokesperson Randhir Jaiswal) ने बुधवार को दिया।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बुधवार को नई दिल्ली में साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान कहा, “हमने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रहे हिंसा और अत्याचारों पर अपनी चिंताएं जाहिर की हैं। यह केवल राजनीतिक कारणों या मीडिया आक्रोश के रूप में नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। हम उम्मीद करते हैं कि बांग्लादेश सरकार इस हिंसा के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी।”
बैंकॉक में हुई बैठक पिछले साल अगस्त में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग सरकार को हटाने और पड़ोसी देश में यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार के गठन के बाद दोनों नेताओं के बीच पहली आमने-सामने की बैठक थी। चर्चा के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी ने आग्रह किया कि माहौल को खराब करने वाली किसी भी बयानबाजी से बचना चाहिए और उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि दोनों देशों के बीच आपसी हितों के सभी मुद्दों को दोनों देशों के दीर्घकालिक द्विपक्षीय संबंधों के हित में रचनात्मक चर्चाओं के माध्यम से द्विपक्षीय रूप से हल किया जाना जारी रहेगा। बिम्सटेक शिखर सम्मेलन के बाद विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, “प्रधानमंत्री ने हिंदुओं सहित बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और संरक्षा से संबंधित भारत की चिंताओं को भी रेखांकित किया और उम्मीद जताई कि बांग्लादेश सरकार उनके खिलाफ किए गए अत्याचारों के सभी मामलों की गहन जांच करके उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करेगी।
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