नई दिल्ली, 17 फरवरी (आईएएनएस)| केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया (Mansukh Kandaviya) ने कहा कि ई-संजीवनी देश के स्वास्थ्य क्षेत्र में एक क्रांति है। राष्ट्रीय टेलीमेडिसिन प्लेटफॉर्म ई-संजीवनी ने गुरुवार को 10 करोड़ लाभार्थियों को टेली-परामर्श सेवाएं प्रदान कर एक और मील का पत्थर दर्ज किया है। टेली-परामर्श के डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से प्रदान की जा रही स्वास्थ्य सेवाओं की सराहना करते हुए मंडाविया ने कहा कि 115,234 स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों में 15,731 हब और 1,152 ऑनलाइन ओपीडी के माध्यम से 10.11 करोड़ रोगियों को सेवा प्रदान की गई, जिसमें 229,057 चिकित्सा विशेषज्ञ और सुपर-स्पेशलिस्ट टेलीमेडिसिन में प्रशिक्षित थे।
मंडाविया ने कहा कि ई-संजीवनी को एक दिन में 10 लाख से अधिक परामर्शो का समर्थन करने के लिए और बढ़ाया गया है, और अब तक, एक दिन में 5,10,702 रोगियों की सेवा करने के लिए मंच चरम पर है।
मंडाविया ने कहा, ई-संजीवनी भारत की राष्ट्रीय टेलीमेडिसिन सेवा प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा में दुनिया की सबसे बड़ी टेलीमेडिसिन कार्यान्वयन है। यह विशेष रूप से उन ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों के लिए एक वरदान है, जहां स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच बनाना कठिन था। इसके बाद से इसे पूरे देश में व्यापक रूप से लागू किया गया है। स्वास्थ्य स्पेक्ट्रम और हमारे देश में प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं को बदल दिया है। यह सुरक्षित रूप से माना जा सकता है कि आईसीटी के माध्यम से ई-संजीवनी ने स्वास्थ्य सेवा का लोकतंत्रीकरण किया है।”
उन्होंने कहा, “यह ध्यान देने योग्य बात है कि ई-संजीवनी के 57 प्रतिशत से अधिक लाभार्थी महिलाएं हैं और लगभग 12 प्रतिशत वरिष्ठ नागरिक हैं।”
ई-संजीवनी को अपनाने के मामले में शीर्ष 10 राज्य हैं : आंध्र प्रदेश (31701735), तमिलनाडु (12374281), पश्चिम बंगाल (12311019), कर्नाटक (11293228), उत्तर प्रदेश (5498907), महाराष्ट्र (4780259), तेलंगाना (4591028), मध्य प्रदेश (4015879), बिहार (3220415) और गुजरात (2988201)।