ओडिशा : 1,000 करोड़ रुपये के क्रिप्टो-पोंजी घोटाले में एक गिरफ्तार

ओडिशा पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने 1,000 करोड़ रुपये के एसटीए टोकन क्रिप्टो-पोंजी घोटाले में मुख्य आरोपी.....

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  • Updated On - November 10, 2023 / 08:02 PM IST

भुवनेश्वर, 10 नवंबर (आईएएनएस)। ओडिशा पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने 1,000 करोड़ रुपये के एसटीए टोकन क्रिप्टो-पोंजी घोटाले में मुख्य आरोपी (Main accused in crypto-ponzi scam) के करीबी सहयोगियों में से एक को गिरफ्तार (One arrested) किया है।

ईओडब्ल्यू के अधिकारियों ने बुधवार को झारखंड के धनबाद जिले के निरसा थाना क्षेत्र से सुशील कुमार टुडू को गिरफ्तार किया। आरोपी को तीन दिन की ट्रांजिट रिमांड पर ओडिशा लाया गया है और शुक्रवार को कटक में ओपीआईडी कोर्ट में पेश किया गया।

इससे पहले ईओडब्ल्यू ने इंडिया हेड गुरतेज सिद्धू समेत तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया था, जबकि हंगरी के नागरिक डेविड गीज समेत चार अन्य के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी किया गया।

सुशील कुमार संदिग्ध कंपनी, एसटीए (सोलर टेक्नो एलायंस) के संस्थापक सदस्य और झारखंड प्रमुख हैं, जिसे सितंबर 2021 में लॉन्च किया गया था। पिरामिड संरचना और मल्टी लेवल मार्केटिंग पर संचालित कंपनी ने ओडिशा सहित देश के कई राज्यों में लाखों लोगों को अपनी क्रिप्टोकरेंसी-आधारित पोंजी योजनाओं में आकर्षक रिटर्न का वादा करके निवेश करने के लिए प्रेरित करके 1,000 करोड़ रुपये एकत्र किए।

  • आरोपी सुशील कुमार मुख्य आरोपी और एसटीए के भारत प्रमुख गुरतेज सिंह का तत्काल डाउन लाइन सदस्य है और ओडिशा के राज्य प्रमुख निरोद कुमार दास का तत्काल अप लाइन सदस्य है।
  • निरोड पहली बार फेसबुक पर सुशील से मिले, जिन्होंने उन्हें एसटीए की क्रिप्टो-पोंजी योजनाओं में निवेश करने के लिए राजी किया। बाद में निरोड ने ओडिशा के 1,000 से अधिक लोगों को पोंजी योजनाओं में निवेश करने का लालच दिया।

जालसाजों ने राज्य के भद्रक, बालासोर, भुवनेश्वर, मयूरभंज, जाजपुर, केंद्रपाड़ा और क्योंझर जिलों में पीड़ितों से योजना के माध्यम से 30 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी की। ईओडब्ल्यू सूत्रों ने बताया, ”जांच के दौरान हमने पाया कि संस्थापक सदस्य होने के नाते सुशील कुमार ने ओडिशा और झारखंड के विभिन्न जिलों में हजारों डाउन लाइन सदस्यों को अपने अधीन कर लिया। उन्होंने डाउन लाइन के सदस्यों से अवैध रूप से एकत्र की गई राशि में से 4 करोड़ रुपये से अधिक अर्जित किए हैं। वह प्रति दिन 80,000 रुपये कमाता था।”

ईओडब्ल्यू के अधिकारियों ने यह भी पता लगाया कि सुशील कुमार धोखाधड़ी की रकम का उपयोग करके बड़ी संपत्ति हासिल करने में कामयाब रहे थे।

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