भुवनेश्वर/नई दिल्ली, 3 जून (आईएएनएस)| ओडिशा के बालासोर जिले (Balasore) में ट्रेन के पटरी से उतरने की घटना में मरने वालों की संख्या बढ़कर 238 हो गई है, जबकि कम से कम 900 लोग घायल हुए हैं। दक्षिण पूर्व रेलवे ने शनिवार को यह जानकारी दी। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार सुबह दुर्घटना स्थल का दौरा किया और घोषणा की कि हादसे की उच्च स्तरीय जांच की जाएगी और रेल सुरक्षा आयुक्त द्वारा एक स्वतंत्र जांच की जाएगी।
शुक्रवार की शाम को कोरोमंडल एक्सप्रेस और एसएमवीटी-हावड़ा सुपर फास्ट एक्सप्रेस के 17 डिब्बे पटरी से उतर गए, जो पिछले 15 वर्षों में देश में सबसे भयानक रेल दुर्घटनाओं में से एक है। एक बुलेटिन में, दक्षिण पूर्व रेलवे ने कहा, ट्रेन संख्या 12841 शालीमार-चेन्नई, कोरोमंडल एक्सप्रेस और ट्रेन संख्या 12864 सर एम विश्वेश्वरैया-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस 2 जून को शाम लगभग 6.55 बजे बहानगा बाजार रेलवे स्टेशन के पास पटरी से उतर गई।
इसमें कहा गया है, खड़गपुर और भद्रक से दुर्घटना राहत ट्रेनें चिकित्सा उपकरणों, डॉक्टरों और पैरामेडिक्स के साथ घटनास्थल पर पहुंच गई हैं। दक्षिण पूर्व रेलवे ने कहा, अब तक प्राप्त जानकारी के अनुसार, 238 लोग हताहत हुए हैं। लगभग 650 घायल यात्रियों को गोपालपुर, खंटापारा, बालासोर, भद्रक और सोरो के अस्पतालों में ले जाया गया है।
यह भी कहा कि रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव मौके पर पहुंच गए हैं और बचाव अभियान की निगरानी कर रहे हैं। दुर्घटना स्थल पर मीडिया से बात करते हुए वैष्णव ने कहा, हमारा ध्यान बचाव और राहत कार्यों पर है। रेलवे के मुताबिक, कोरोमंडल एक्सप्रेस चेन्नई की ओर जा रही थी, जबकि सर एम विश्वेश्वरैया-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस 1,000 यात्रियों को लेकर हावड़ा की ओर आ रही थी, तभी यह हादसा शुक्रवार शाम को हुआ।
रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कोरोमंडल एक्सप्रेस के डिब्बे पटरी से उतर गए और एक तरफ खड़ी ट्रेनों से टकरा गए, जबकि कुछ विपरीत रेल ट्रैक पर पलट गए, जिस पर एसएमवीपी-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस यशवंतपुर की तरफ से आ रही थी और हावड़ा की ओर जा रही थी। एसएमवीपी-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस पलटे हुए डिब्बों से टकराई और बड़ा हादसा हो गया।
दुर्घटनास्थल के दृश्यों से पता चलता है कि कैसे दो ट्रेनों के डिब्बे एक-दूसरे पर पलट गए। एनडीआरएफ और कई अन्य एजेंसियों ने क्षतिग्रस्त डिब्बों से बचे लोगों को बाहर निकालने के लिए गैस कटर का इस्तेमाल किया। ओडिशा के मुख्य सचिव प्रदीप जेना ने कहा कि 30 बसों के साथ 200 से अधिक एंबुलेंस को सेवा में लगाया गया है।
उन्होंने यह भी कहा कि एनडीआरएफ की 7 टीमों, ओडीआरएएफ की 5 टीमों और 24 अग्निशमन इकाइयों, स्थानीय पुलिस और स्वयंसेवकों ने रात भर क्षतिग्रस्त डिब्बों के ढेर में फंसे लोगों और शवों की तलाश जारी रखी। दिल्ली में रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पूरे मलबे की छानबीन के बाद ही हताहतों की सही संख्या स्पष्ट हो सकेगी।
उन्होंने कहा कि बचाव अभियान अभी भी जारी है।
रेलवे ने चेन्नई-हावड़ा रूट पर कई ट्रेनों को रद्द कर दिया है।