‘जहान-ए खुसरो’ में पीएम मोदी ने देश के लिए बहुत अच्छा पैगाम दिया : फरीद अहमद निजामी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार (28 फरवरी) को दिल्ली की सुंदर नर्सरी में आयोजित सूफी संगीत समारोह 'जहान-ए-खुसरो 2025' में हिस्सा लिया।

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  • Updated On - March 2, 2025 / 07:39 PM IST

नई दिल्ली, 2 मार्च (आईएएनएस)। (Prime Minister Narendra Modi) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार (28 फरवरी) को दिल्ली की सुंदर नर्सरी में आयोजित सूफी संगीत समारोह ‘जहान-ए-खुसरो 2025’ (Sufi Music Festival ‘Jahan-e-Khusro 2025’) में हिस्सा लिया। पीएम मोदी के कार्यक्रम में शामिल होने को लेकर हजरत निजामुद्दीन औलिया दरगाह के सज्जादानशीन सैयद फरीद अहमद निजामी ने बयान दिया है।

सैयद फरीद अहमद निजामी ने आईएएनएस से कहा, ” ‘जहान-ए-खुसरो 2025’ प्रोग्राम में मैं भी शामिल हुआ था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेहतरीन भाषण दिया। पीएम मोदी के भाषण के दौरान सभी लोगों में खुशी का माहौल था। उन्होंने पूरे देश के लिए बहुत अच्छा पैगाम दिया। उन्होंने रमजान की मुबारकबाद भी दी थी।”

प्रधानमंत्री ने अमीर खुसरो और सूफी परंपरा की जमकर तारीफ की है। इस संबंध में सैयद फरीद अहमद निजामी ने कहा कि पीएम मोदी पिछले कुछ साल से सूफी परंपरा की तारीफ करते रहे हैं। हमने उनके भाषण भी सुने हैं और उनसे मुलाकात भी की है। गरीब नवाज के आस्ताना मुबारक पर हमेशा से उनकी चादर जाती है। हजरत निजामुद्दीन औलिया के उर्स पर उनका पैगाम हमेशा हमें मिलता है। इसी से पता चलता है कि पीएम मोदी के दिल में सूफी संतों को लेकर मोहब्बत है। पीएम मोदी हमेशा दरगाहों और खानकाहों को मानने वाले रहे हैं। हमें उनका भाषण सुनकर बहुत खुशी महसूस हुई।

उन्होंने कहा कि वह पीएम मोदी के ‘सबका साथ, सबका विकास’ से सहमत हैं। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी किसी खास पार्टी या किसी खास तबके के नहीं, बल्कि पूरे देश के प्रधानमंत्री हैं। वजीर-ए-आजम (प्रधानमंत्री) जब कोई बात कहते हैं तो वह सभी के लिए होती है। लोगों को उनसे शिकायतें रही होंगी, लेकिन हमने जब भी उनसे मुलाकात की तो हमें उनकी बात में बहुत खुशी महसूस हुई और एक सच्चाई नजर आई।

क्या आम मुसलमान पीएम मोदी का विरोध है? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, “मुझे नहीं लगता आम मुसलमान पीएम मोदी का विरोधी है। ये सोशल मीडिया की फैलाई बातें हैं, विरोधी हमेशा रहते हैं, लेकिन उन्हें सारे मुसलमानों से जोड़ देना ठीक नहीं है। हमने बहुत से लोगों को उनकी तारीफ भी करते देखा है और वे उनके दोस्त भी हैं तथा उनसे मुलाकातें भी करते हैं। हमारी भी उनसे मुलाकातें रही हैं। उनके सामने बैठकर हमने उनको सुना भी है। हमने उनके घर में बैठकर उनको सुना है।”

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