नई दिल्ली, 30 जनवरी (आईएएनएस)| (Ministry of Information and Broadcasting) सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने सोमवार को सार्वजनिक सेवा प्रसारण के दायित्व और भारत में टेलीविजन चैनलों के अपलिंकिंग और डाउनलिंकिंग के लिए दिशानिर्देशों की ओर ध्यान आकर्षित किया। दिशानिर्देशों में अन्य बातों के अलावा, निजी प्रसारकों को हर दिन 30 मिनट के लिए सार्वजनिक सेवा प्रसारण (public service broadcasting) करने की जरूरत होती है। इस संबंध में मंत्रालय ने निजी सैटेलाइट टीवी चैनल प्रसारकों और उनके संघों के साथ व्यापक विचार-विमर्श किया और उनके इनपुट के आधार पर सोमवार को ‘एडवाइजरी’ जारी की गई।
एडवाइजरी के माध्यम से मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि प्रसारित किए जा रहे कार्यक्रमों में सन्निहित प्रासंगिक सामग्री का सार्वजनिक सेवा प्रसारण द्वारा हिसाब लगाया जा सकता है। यह भी स्पष्ट किया जाता है कि सामग्री को लगातार 30 मिनट का नहीं होना चाहिए और इसे छोटे समय स्लॉट में फैलाया जा सकता है और ब्रॉडकास्टर को ब्रॉडकास्ट सेवा पोर्टल पर एक मासिक रिपोर्ट ऑनलाइन जमा करने की जरूरत है।
प्रसारण के विषय में राष्ट्रीय महत्व और सामाजिक प्रासंगिकता शामिल होनी चाहिए, जिसमें शिक्षा और साक्षरता का प्रसार, कृषि और ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, महिलाओं का कल्याण, समाज के कमजोर वर्गो का कल्याण, पर्यावरण और सांस्कृतिक विरासत की सुरक्षा और राष्ट्रीय एकीकरण शामिल है।
इसने यह भी कहा कि प्रसारक 90 दिनों की अवधि के लिए प्रसारित होने वाली सामग्री का रिकॉर्ड रखेगा। सूचना और प्रसारण मंत्रालय के तहत इलेक्ट्रॉनिक मीडिया निगरानी केंद्र 90 दिनों की अवधि के लिए प्रसारित सामग्री का रिकॉर्ड रखेगा। इसमें कहा गया है कि निजी सैटेलाइट टीवी चैनलों को तदनुसार सलाह दी जाती है कि वह 1 मार्च, 2023 से ऊपर निर्धारित तरीके से सार्वजनिक सेवा प्रसारण की रिपोर्ट करें।