राहुल विपक्ष के नेता के तौर पर उभरे!

श्रीनगर में सोमवार को भारत जोड़ो यात्रा के समापन के बाद कांग्रेस के रणनीतिकारों का मानना है

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  • Updated On - January 31, 2023 / 08:50 AM IST

नई दिल्ली, 31 जनवरी (आईएएनएस)| श्रीनगर में सोमवार को भारत जोड़ो यात्रा के समापन के बाद कांग्रेस के रणनीतिकारों का मानना है कि (Rahul Gandhi) राहुल गांधी विपक्षी खेमे में एक ‘निर्विवाद नेता’ (‘Undisputed Leader’) के रूप में उभरे हैं और इस कार्यक्रम ने उनकी छवि बदलने में मदद की है, हालांकि राहुल ने फिर से जोर देकर कहा कि यात्रा लोगों के लिए थी, न कि उनके या उनकी पार्टी के लिए।

पदयात्रा 7 सितंबर को तमिलनाडु के कन्याकुमारी से शुरू हुई थी और कश्मीर तक लगभग 3,970 किलोमीटर की दूरी तक की। पदयात्रा के दौरान राहुल गांधी ने 12 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों की यात्रा की और अंत में जम्मू-कश्मीर के विशेष क्षेत्रों के लोगों के भावनात्मक तार को छूने की कोशिश की।

पदयात्रा के दौरान उन्होंने 13 प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया, 100 से अधिक कॉर्नर मीटिंग की, 275 से अधिक नियोजित वॉकिंग इंटरेक्शन किया और 100 से अधिक बैठकें कीं।

राहुल ने कहा कि श्रीनगर के रास्ते में लोगों से मिलना उनके जीवन का सबसे खूबसूरत अनुभव था। यात्रा के समापन की रैली में राहुल पारंपरिक कश्मीरी ‘फिरन’ पहने हुए थे। उन्होंने कहा कि उन्हें चेतावनी दी गई थी कि कश्मीर में उन पर हमला किया जा सकता है, लेकिन यहां के लोगों ने उन्हें हथगोले नहीं दिए, बल्कि प्यार से भरे दिल दिए।

उन्होंने कहा कि भाजपा के सदस्य जम्मू-कश्मीर में इस तरह नहीं चल सकते, क्योंकि वे डरे हुए हैं। उन्होंने अपने पिता राजीव गांधी की हत्या को याद करते हुए कहा कि उन्होंने अपनी दादी और पिता को खोया है, इसलिए पुलवामा हमले में अपनों को खोने वालों का दर्द वह अच्छी तरह समझते हैं।

उन्होंने कहा, “मैंने अपने लिए या कांग्रेस के लिए यात्रा नहीं की, मेरा उद्देश्य उस विचारधारा के खिलाफ खड़ा होना है, जो देश की नींव को नष्ट करना चाहती है।”

बर्फबारी के कारण रैली के दौरान विपक्षी एकता के प्रदर्शन में बाधा उत्पन्न हुई। मगर महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला रैली में पहुंचे। भाजपा ने कहा, “तमाम कोशिशों के बावजूद, विपक्ष एक साथ नहीं आया, क्योंकि किसी ने उसे स्वीकार नहीं किया।” हालांकि, कांग्रेस सूत्रों ने कहा कि विपक्षी दलों के एक दर्जन से अधिक नेता रैली में शामिल होने वाले थे, लेकिन जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग बंद होने और हवाई यातायात बाधित होने के कारण वे इसमें शामिल नहीं हो सके।