चंडीगढ़ (आईएएनएस)| (Shiromani Akali Dal) शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल (Sukhbir Singh Badal) ने शनिवार को पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित से आम आदमी पार्टी (आप) द्वारा अपने राजनीतिक लक्ष्यों के लिए किए गए 300 करोड़ रुपये के विज्ञापन घोटाले की जांच का आदेश देने का अनुरोध किया। राज्यपाल को लिखे पत्र में अकाली दल अध्यक्ष ने कहा कि आप सरकार ने इस वित्तीय वर्ष में सरकारी विज्ञापनों के लिए 750 करोड़ रुपये निर्धारित किए थे और अधिकांश राशि पहले ही खर्च कर चुकी है।
उन्होंने कहा कि पंजाब में सरकारी योजनाओं के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए इस पैसे को खर्च करने के बजाय, सरकार ने विज्ञापनों का इस्तेमाल आप के साथ-साथ इसके संयोजक अरविंद केजरीवाल को देश भर में बढ़ावा देने के लिए किया था। इस प्रकार सरकार ने न केवल सरकारी विज्ञापनों के लिए सार्वजनिक धन के उपयोग पर सर्वोच्च न्यायालय के दिशानिदेशरें का उल्लंघन किया है बल्कि पंजाबियों के विश्वास को भी धोखा दिया है। उन्होंने इस बात का खुलासा करते हुए कहा कि इस तरह से आप द्वारा लगभग 300 करोड़ रुपये का दुरुपयोग किया गया है।
बादल ने कहा कि चूंकि दिल्ली के उपराज्यपाल ने पहले ही दिल्ली में इसी तरह की गड़बड़ी का संज्ञान लिया था और 97 करोड़ रुपये की वसूली का आदेश दिया था, इसलिए राज्यपाल को राज्य सरकार द्वारा खर्च किए गए पूरे विज्ञापन की जांच के आदेश देने चाहिए और राजनीतिक संदेश वाले विज्ञापनों की मात्रा निर्धारित करनी चाहिए ताकि यह पैसा पार्टी से वसूला जा सके।
बादल ने कहा कि सरकार ने हाल ही में दोनों राज्यों के विधानसभा चुनावों के दौरान हिमाचल प्रदेश और गुजरात में राजनीतिक विज्ञापनों के लिए सार्वजनिक धन का इस्तेमाल किया था। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा विज्ञापन प्रसार पर आरटीआई सूचना जारी करने से इनकार करने के कारण पूरी प्रक्रिया गोपनीयता में डूबी हुई थी।
उन्होंने कहा कि इंटरनेट खर्च के बारे में आंशिक जानकारी से पता चला है कि सरकार ने 21 सितंबर से 22 अक्टूबर तक विशेष रूप से गुजरातियों तक पहुंचने के लिए फेसबुक पर 1.75 करोड़ रुपये खर्च किए। 12 दिसंबर से 18 दिसंबर तक के फेसबुक ट्रेंड से संकेत मिलता है कि पंजाब में आप सरकार अब राजस्थान में विज्ञापनों पर पैसा खर्च कर रही है, जहां अगले साल चुनाव होने हैं।
अकाली दल अध्यक्ष ने कहा कि यह सब इस तथ्य के बावजूद किया जा रहा है कि पंजाब सरकार का राजस्व संग्रह कम हो रहा है। तो यह गतिविधि पंजाब की अर्थव्यवस्था को भी नुकसान पहुंचा रही है और आप सरकार को पंजाबियों से किए गए वादों को पूरा करने से रोक रही है।
प्रशासनिक पक्ष पर अलग से कार्रवाई का आह्वान करते हुए बादल ने कहा, यह स्पष्ट है कि सरकार की नीतियों के साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों का भी उल्लंघन हुआ है। इन अवैध विज्ञापनों को दी गई मंजूरी से संबंधित फाइलों की जांच की जानी चाहिए ताकि उल्लंघन करने वालों को उचित सजा दी जा सके। रिश्वत और कमीशन के भुगतान की ²ष्टि से भी इस मुद्दे की जांच किए जाने की आवश्यकता है।
बादल ने राज्यपाल से यह भी अनुरोध किया कि वह सरकार को सभी राजनीतिक विज्ञापनों को तुरंत समाप्त करने का निर्देश दें और सरकार की नीतियों के अनुरूप आधिकारिक कार्यक्रमों को छोड़कर राज्य के बाहर विज्ञापन जारी न करने का आदेश दें। आप सरकार को केवल उन्हीं विज्ञापनों को जारी करने का निर्देश दिया जा सकता है जो पंजाब और पंजाबियों के कल्याण से संबंधित हैं।