तेलंगाना : ‘कांति वेलुगु’ के तहत एक करोड़ लोगों की हुई आंखों की जांच

तेलंगाना के स्वास्थ्य अधिकारियों ने 'कांति वेलुगु' (Kanti Velugu) के दूसरे चरण के तहत एक करोड़ से अधिक लोगों की आंखों की मुफ्त जांच की है, जिसे दुनिया का सबसे बड़ा आंखों की जांच का कार्यक्रम बताया जा रहा है।

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  • Publish Date - April 10, 2023 / 12:34 PM IST

हैदराबाद, 10 अप्रैल (आईएएनएस)| तेलंगाना के स्वास्थ्य अधिकारियों ने ‘कांति वेलुगु’ (Kanti Velugu) के दूसरे चरण के तहत एक करोड़ से अधिक लोगों की आंखों की मुफ्त जांच की है, जिसे दुनिया का सबसे बड़ा आंखों की जांच का कार्यक्रम बताया जा रहा है। जनवरी में दूसरे चरण की शुरुआत के बाद से अब तक 1,500 मेडिकल टीमों ने 1,01,65,529 लोगों की जांच की है। इनमें 47,70,757 पुरुष, 53,85,293 महिलाएं और 3,360 ट्रांसजेंडर शामिल हैं।

अधिकारियों ने कहा कि लक्ष्य का 64.07 फीसदी हासिल कर लिया गया है। दूसरे चरण का लक्ष्य 1.5 करोड़ लोगों को कवर करना है।

16.33 लाख लोगों को मुफ्त पढ़ने के चश्मे वितरित किए गए, जबकि 12.31 लोगों को डॉक्टर के पर्चे के चश्मे के लिए चिन्हित किया गया। लगभग 73 लाख लोगों की बिना किसी आंख की समस्या के निदान किया गया।

मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव के दिमाग की उपज, यह कार्यक्रम 2018 में शुरू किया गया था। पहले चरण में एक करोड़ लोगों की जांच की गई थी।

दूसरे चरण की शुरुआत चंद्रशेखर राव ने 18 जनवरी को खम्मम में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और सीपीआई महासचिव डी. राजा की उपस्थिति में की थी।

केजरीवाल, विजयन और मान ने घोषणा की थी कि वे अपने राज्यों में इसी तरह की योजनाएं शुरू करेंगे।

लोग ग्रामीण क्षेत्रों में कांटी वेलुगु शिविरों से खुश हैं, क्योंकि वे शहरों, कस्बों और अस्पतालों में जाए बिना मुफ्त परीक्षण करवा रहे हैं।

अधिकारियों के अनुसार, जिलों में आयोजित किए जा रहे कांटी वेलुगु शिविरों को युवा पुरुषों और महिलाओं से लेकर बुजुर्गो तक सभी क्षेत्रों के लोगों से शानदार प्रतिक्रिया मिल रही है।

जनप्रतिनिधि और अधिकारी कांति वेलुगु शिविरों के प्रबंधन में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं और अग्रिम जागरूकता प्रदान करके शिविर की सफलता के लिए काम कर रहे हैं, ताकि लोग समय पर कांति वेलुगु शिविरों में पहुंच सकें।

यह कार्यक्रम उन लोगों के लिए वरदान बन गया है जो नेत्र परीक्षण कराने के खर्च से डरते हैं।