देश को विकसित बनाने के तरीके खोजें विश्वविद्यालय : पीएम मोदी

विश्वविद्यालयों के कुलपतियों, संस्थानों के प्रमुखों और फैकल्टी मेंबर्स को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा

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  • Updated On - December 11, 2023 / 09:49 PM IST

नई दिल्ली, 11 दिसम्बर (आईएएनएस)। विश्वविद्यालयों के कुलपतियों, संस्थानों के प्रमुखों और फैकल्टी मेंबर्स को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने सोमवार को कहा कि शिक्षक और विश्वविद्यालय भारत को तेज गति से एक विकसित देश बनाने के तरीके खोजने पर विचार करें तथा इस दिशा में सुधार के लिए विशिष्ट क्षेत्रों की पहचान करें।

शिक्षा मंत्रालय के कार्यक्रम ‘विकसित भारत 2047: (Education Ministry s program Develop India 2047)  युवाओं की आवाज’ के शुभारंभ के दौरान मोदी ने प्रत्येक विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों और युवाओं की ऊर्जा को ‘विकसित भारत’ के सामान्य लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में लगाने की आवश्यकता को रेखांकित किया।

  • उन्होंने विकसित भारत से जुड़े आइडियाज पोर्टल के शुभारंभ का जिक्र किया और बताया कि पाँच अलग-अलग विषयों पर सुझाव दिए जा सकते हैं। सर्वश्रेष्ठ 10 सुझावों के लिए पुरस्कार भी दिये जायेंगे।

प्रधानमंत्री ने एक अमृत पीढ़ी बनाने की आवश्यकता पर बल दिया जो राष्ट्रीय हित को सर्वोपरि रखे। उन्होंने शिक्षा और कौशल से आगे बढ़ने की आवश्यकता पर बल दिया और नागरिकों के बीच राष्ट्रीय हित और नागरिक भावना के लिए सतर्कता का आह्वान किया। उन्होंने कहा, “जब नागरिक, किसी भी भूमिका में, अपना कर्तव्य निभाना शुरू करते हैं, तो देश आगे बढ़ता है।”

  • पीएम ने जल संरक्षण, बिजली की बचत, खेती में कम रसायनों का उपयोग और सार्वजनिक परिवहन के उपयोग के माध्यम से प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण का उदाहरण दिया। उन्होंने शिक्षाविद् समुदाय से स्वच्छता अभियान को नई ऊर्जा प्रदान करने, जीवनशैली के मुद्दों से निपटने और युवाओं द्वारा मोबाइल फोन से परे दुनिया की खोज करने के तरीके सुझाने को कहा।

पीएम मोदी ने उपस्थित लोगों से यह देखने को कहा कि डिग्री धारकों के पास कम से कम एक व्यावसायिक कौशल होना चाहिए। उन्होंने कहा, “आपको हर कैप, हर संस्थान और राज्य स्तर पर इन विषयों पर विचार-मंथन की एक व्यापक प्रक्रिया को आगे बढ़ाना चाहिए।”

मोदी ने ‘विकसित भारत’ के विकास की अवधि को एक परीक्षा की अवधि से उपमा देते हुए, लक्ष्य को पूरा करने के लिए आवश्यक अनुशासन बनाए रखने में विद्यार्थियों के आत्मविश्वास, तैयारी और समर्पण के साथ-साथ परिवारों के योगदान का भी उल्लेख किया।

  • यह देखते हुए कि देश की तेजी से बढ़ती आबादी युवाओं द्वारा सशक्त हो रही है, मोदी ने बताया कि भारत आने वाले 25-30 वर्षों तक कामकाजी उम्र की आबादी के मामले में अग्रणी बनने जा रहा है और दुनिया इस बात को मानती है।
  • प्रधानमंत्री ने कहा, “युवा शक्ति परिवर्तन का वाहक भी है और लाभार्थी भी।” उन्होंने इस बात पर बल दिया कि अगले 25 वर्ष आज के महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों में युवाओं के करियर के लिए निर्णायक होंगे। पीएम ने कहा, “देश के प्रत्येक नागरिक की इसमें भागीदारी और सक्रिय भागीदारी होगी।”

उन्होंने सबका प्रयास की शक्ति को उजागर करते हुए स्वच्छ भारत अभियान, डिजिटल इंडिया अभियान, कोरोना महामारी के दौरान लोगों की भूमिका और वोकल फॉर लोकल का उदाहरण दिया।

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इस दिन को विकसित भारत के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रेरक कार्रवाई की दिशा में एक महत्वपूर्ण दिन बताया।