पुणे, 11 जुलाई (आईएएनएस)। पुणे की रहने वाली प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर (Trainee IAS Officer Pooja Khedkar) का नाम इस समय काफी चर्चा में है। पूजा खेडकर को अपने पद का गलत इस्तेमाल करने के आरोपों के बाद पुणे से महाराष्ट्र के वाशिम जिले में ट्रांसफर कर दिया गया है। पूजा खेडकर अब वाशिम की कलेक्टर होंगी।
पूजा खेडकर प्रोबेशन के दौरान अवैध मांग करने को लेकर विवादों में घिर गई हैं। पुणे कलेक्टर सुहास दिवासे ने खेडकर के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। हालांकि, खेडकर परिवार का यह पहला मामला नहीं है। उनके पिता और पूर्व सिविल सेवक दिलीप खेडकर पर भी गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
दिलीप खेडकर ने चुनावी हलफनामे में बताया है कि उनके पास 40 करोड़ की संपत्ति है, तो चर्चा शुरू हुई। इस बात पर राजनीतिक चर्चा होने लगी कि एक चार्टर्ड अधिकारी के पास इतनी संपत्ति कैसे हो सकती है। दिलीप खेडकर की पत्नी डॉ. मनोरमा खेडकर के पिता जगन्नाथ बुधवंत भी एक चार्टर्ड अधिकारी थे। उनका करियर भी विवादास्पद रहा, उन्हें एक बार निलंबित भी किया गया था। दिलीप खेडकर के दो बच्चे हैं, पीयूष खेड़कर और डॉ. पूजा खेडकर। पीयूष खेडकर लंदन में पढ़ाई कर रहे हैं।
पूजा खेडकर ने यूपीएससी परीक्षा 2021 में उत्तीर्ण की थी। इस परीक्षा में उनकी ऑल इंडिया रैंक 821 थी। सामने आया है कि उन्होंने खुद को दिव्यांग बताया है। कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के पास एक याचिका भी दायर की गई है। पूजा का तर्क है कि दिव्यांग अभ्यर्थियों को एससी/एसटी अभ्यर्थियों की तुलना में अधिक दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। उन्हें भी यही लाभ मिलना चाहिए।