हैशटैगयू डेस्क। जब भी राष्ट्रीय पटल पर सियासत (politics) की तासीर कुछ अलग हो तो ऐसे में कवियों और गायकों ने भी समय-समय पर क्रांति की अलख जगाई। वास्तव में जनमानस को चेतनाशील बनाने में कवियों और गायकों का अमूल्य योगदान है। देश की परतंत्रता के वक्त राष्ट्र कवि मैथिलीशरण गुप्त, रामधारी सिंह दिनकर, शिवप्रसाद गुप्त, डाक्टर धमशील चतुर्वेदी सहित कई नामी गिरामी कवियों की भूमिका महत्वपूर्ण थी।
ऐसे ही आज के समय भी कवियों और गायकों का एक समूह जनचेतना जगाने में अभियान छेड़ रखा है। ये अपने कविताओं से आज की व्यवस्थाओं और राजनीतिक परिवेश की वास्तविकता से जनता को वाकिफ कराते हैं। वैसे जानते तो सभी हैं, लेकिन उसे शब्दों और भावों की मालाओं में पिरोकर परोसने की कला तो साहित्य की विधा में है।
भले ही उसकी भाषाएं अलग-अलग हो। लेकिन देशकाल के हालातों से रूबरू कराने के लिए काव्य एक सशक्त माध्यम है। कभी-कभी लोकगीतों में भी यह पुट देखने को मिल जाता है। ऐसे ही आज के समय के गायक हैं, सांभा। जिनके लाखों फैंस हैं। सोशल मीडिया में इनके गाने की कला के अदबकार पूरे देश में हैं।
इसके एक अंश को देश के प्रख्यात पत्रकार रविश कुमार जी (Journalist Ravish Kumar) ने अपने ट्विटर एकाउंट पर पोस्ट कर बस एक लाइन लिखकर मौन भाव से बहुत कुछ कह दिया है। लिखा, अंबेडकर जयंती की शुभकामनाएं । भीम गीतों के गायक सांभा जी की प्रस्तुति का एक अंश।
अंबेडकर जयंती की शुभकामनाएँ । भीम गीतों के गायक सांभा जी की प्रस्तुति का एक अंश। pic.twitter.com/UMmFVUdJBX
— ravish kumar (@ravishndtv) April 14, 2023