रायपुर। आपने शायद ही ऐसी शादी है, जहां सिर्फ सनातन धर्म की (Unique marriage of Sanatan Dharma) परंपराओं की तर्ज पर हो। जहां मंच पर वैदिक मंत्रों की अनुगूंज और हरे-राम-हरे कृष्णा के कीर्तन के बीच दो जोड़ों ने एक-दूसरे को वरमाला पहनाई। इस शादी में पाश्चात्य सभ्यता को त्यागकर सिर्फ शुद्ध हिंदू धर्म के नियमों का पालन हुआ। इसमें बारातियों ने मंच के नीचे से ही अपना आशीर्वाद दिया। मंच पर सभी देवताओं के लिए स्थान बनाया गया था। जहां उन्हें दो पक्षों के घर वालों ने निमंत्रण मंदिरों में दिया था। मंत्रों के उच्चारण से पंडितों ने बुलाया और उनकी मौजूद के अहसास में शादी संपंन हुई।
गौरतलब है एक तरफ जहां आजकल वेस्टर्न कल्चर हावी हो गया है और शादियों में प्री वेडिंग शूट सहित अनेक तरह के विदेशी कल्चर को अपनाया जा रहा है। दूसरी तरफ इसके उलट भाटापारा शहर (Bhatapara City) के प्रतिष्ठित चौबे परिवार में आर्किटेक्ट संदर्भ चौबे की शादी समारोह में परिवार ने वेस्टर्न कल्चर को नकारते हुए सनातन परंपरा को बढ़ावा देने पवित्र गंगा आरती का आयोजन किया गया दूल्हा-दुल्हन जब मंच पर पहुंचे तो वर माला के दौरान बनारस से आए पुजारियों द्वारा वैदिक मंत्रोचार के साथ गंगा आरती की गई।
इनपुट (भोजेंद्र वर्मा)
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