संजय सेठ को राज्यसभा का उम्मीदवार बना भाजपा ने किया ‘खेला’, कैसे बिगड़ेगा वोटों का समीकरण ?
By : hashtagu, Last Updated : February 15, 2024 | 6:27 pm
वहीं, समाजवादी पार्टी के तीन प्रत्याशियों ने मंगलवार को अपना नामांकन पर्चा भरा था। यूपी से कुल 10 प्रत्याशी मैदान में थे। यूपी कोटे की राज्यसभा की 10 सीटें खाली हुईं थीं, ऐसे में वोटिंग की जरूरत नहीं थी। लेकिन, अचानक भाजपा ने संजय सेठ को अपना उम्मीदवार बना दिया है, जिसके बाद अब वोटिंग की जरूरत है।
अगर आंकड़े पर नजर डालें तो, भाजपा को आठवें प्रत्याशी को जिताने के लिए आठ विधायकों के वोट की ज़रूरत पड़ेगी। आरएलडी विधायकों को मिलाकर एनडीए के पास 288 वोटों का आंकड़ा है। जबकि, सपा को तीसरे प्रत्याशी को जिताने के लिए एक अतिरिक्त विधायक के वोट की ज़रूरत है, लेकिन सपा के दो विधायक जेल में कैद हैं। वहीं, पल्लवी पटेल बागी रूख अपना चुकी हैं, सपा-कांग्रेस को मिलाकर 110 विधायक हैं। ऐसे में सपा को चार अतिरिक्त वोट की जरूरत पड़ेगी।
एक राज्यसभा सीट जीतने के लिए प्रत्याशी को 37 विधायकों के वोट की ज़रूरत है। एनडीए के पास 279 सीटें हैं, आरएलडी के 9 मिलाकर कुल आंकड़ा 288 का बनता है। सपा और कांग्रेस को मिलाकर 110 और बहुजन समाजवादी पार्टी के पास एक विधायक है। चार सीटें ऐसी हैं, जिस पर कोई विधायक नहीं यानी वो सीटें खाली हैं। ऐसे में भाजपा को एक सीट के लिए आठ विधायकों के समर्थन की जरूरत है, जिसको लेकर क्रॉस वोटिंग होने के ज्यादा आसार हैं।
- संजय सेठ सपा का साथ छोड़कर भाजपा के साथ आए। इस स्थिति में सपा के कुछ विधायक क्रॉस वोटिंग कर अपनी ही पार्टी के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकते हैं।
- दिलचस्प बात यह है कि संजय सेठ पहले सपा में थे। सपा ने उन्हें राज्यसभा भेजा था। लेकिन, फिर वह भाजपा में शामिल हो गए और राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया था।
अगर यूपी विधानसभा के मौजूदा आंकड़ों को देखें तो 403 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के 252, सपा के 108 और कांग्रेस के दो सदस्य हैं। भाजपा के सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) के 13 और निषाद पार्टी के छह सदस्य हैं। रालोद के नौ, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के छह, जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के दो और बसपा का एक सदस्य हैं।
राज्यसभा में नामांकन दाखिल करने के लिए गुरुवार को अंतिम दिन रहा। मतदान 27 फरवरी को होगा और नतीजे उसी दिन घोषित किए जाएंगे।
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