लालू, राहुल की मुलाकात के बाद बदलेगी ‘आईएनडीआईए’ की रणनीति !

विपक्षी दलों के गठबंधन 'इंडिया' (Alliance of opposition parties 'India') की तीसरी बैठक मुंबई में प्रस्तावित है। इसमें कोई शक नहीं कि विपक्षी..

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  • Updated On - August 9, 2023 / 12:17 PM IST

पटना, 8 अगस्त (आईएएनएस)। विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ (Alliance of opposition parties ‘India’) की तीसरी बैठक मुंबई में प्रस्तावित है। इसमें कोई शक नहीं कि विपक्षी दलों को एकजुट करने की मुहिम की शुरुआत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने की थी। लेकिन, शुक्रवार को जिस तरह कांग्रेस के नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने राजद सांसद मीसा भारती के घर जाकर राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव से मुलाकात की, उसके बाद कई तरह के कयास लगाए जाने लगे हैं।

इस मुलाकात को लेकर नीतीश कुमार भी अब तक चुप्पी साधे हुए हैं। राजद और कांग्रेस की दोस्ती काफी पुरानी है, ऐसे में माना जा रहा है कि कांग्रेस, नीतीश कुमार से ज्यादा लालू प्रसाद पर विश्वास करेगी। गठबंधन की पटना में हुई पहली बैठक में ही नीतीश कुमार के संयोजक बनाए जाने को लेकर चर्चा थी, लेकिन अब तक संयोजक की घोषणा नहीं हुई है। ऐसे में कहा जा रहा है कि कहीं इस पद के लिए कांग्रेस की पसंद लालू प्रसाद तो नहीं। मुंबई में होने वाली महागठबंधन की बैठक में सीट बंटवारे को लेकर भी चर्चा होनी है। इस बीच, बिहार में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर भी अब तक असमंजस की स्थिति है।

सूत्र बताते हैं कि राजद और कांग्रेस कोटे से मंत्री बनाया जाना है। राजद जो दो नाम दे रही है, वह नीतीश को पसंद नहीं है। इधर, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी भी नीतीश मुक्त बिहार बनाने का नारा दे रहे हैं। उन्होंने तो साफ तौर पर कहा कि यह गठबंधन ही नहीं है। सभी दल अपनी अपनी महत्वाकांक्षा और भ्रष्टाचार से बचने के लिए एक हुए हैं।

राष्ट्रीय लोक जनता दल के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने दावा करते हुए कहा कि राहुल गांधी और लालू प्रसाद में अंदर-अंदर डील हुई है। बिहार की राजनीति से नीतीश कुमार को मुक्त कर देना है और तेजस्वी की बिहार में ताजपोशी कर देनी है। उन्होंने कहा कि लालू यादव, नीतीश कुमार को बिहार से आगे राजनीति में नहीं ले जाने वाले हैं, सिर्फ उनका मकसद इतना ही है कि अपने बेटे को कैसे मुख्यमंत्री बनाएं। ऐसे में कहा जा रहा है कि कांग्रेस भी जानती है कि बिहार में लालू प्रसाद बड़ा फैक्टर हैं और लालू के बिना कांग्रेस अपनी खोई जमीन फिर से हासिल नहीं कर सकती।

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