सदस्यता जाने से फर्क नहीं पड़ता, अपना काम करता रहूंगा : राहुल गांधी

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की लोकसभा की सदस्यता रद्द किए जाने पर कहा कि उन्हें उससे फर्क नहीं पड़ता, वो अपना काम करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि मोदी ही अदानी है।

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  • Publish Date - March 25, 2023 / 03:23 PM IST

नई दिल्ली, 25 मार्च (आईएएनएस)| कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की लोकसभा की सदस्यता रद्द किए जाने पर कहा कि उन्हें उससे फर्क नहीं पड़ता, वो अपना काम करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि मोदी ही अदानी है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शनिवार को प्रेसवार्ता कर कहा, चाहे मुझे सदस्यता मिले न मिले, मुझे उससे फर्क नहीं पड़ता, मैं अपना काम करता रहूंगा। मुझे फर्क नहीं पड़ता कि मैं सदन के बाहर हूं और या अंदर हूं। मैं देश के लिए लड़ता रहूंगा।

राहुल गांधी सावरकर नहीं है, मेरा नाम गांधी है और गांधी किसी से माफी नहीं मांगता। मैंने तीन बार पत्र लिखकर मैंने सदन में बोलते की मांग की। बीजेपी अदानी को क्यों बचा रही है। आप इस लिए बचा रहे हो क्योंकि आप ही अदानी हो। राहुल गांधी ने कहा, अदानी पर मेरे भाषण से प्रधानमंत्री डरे हुए हैं और मैंने यह उनकी आंखों में देखा है, इसलिए पहले मुद्दे से ध्यान भटकाया गया, उसके बाद मुझे अयोग्य घोषित कर दिया गया।

राहुल गांधी ने कहा, देश में लोकतंत्र पर आक्रमण हो रहा है। संसद में मंत्रियों ने मेरे खिलाफ झूठ बोला। संसद से मेरे भाषणों को हटा दिया गया। मैं सवाल पूछना नहीं बंद करूंगा, मैं डरने वाला नहीं हूं। उन्होंने कहा, मैंने संसद में यह सवाल पूछा कि अदानी की शेल कंपनी में 20 हजार करोड़ किसी ने इन्वेस्ट किया। यह रकम किसी की। मैंने संसद में बताया कि पीएम मोदी और अदानी के बीच क्या रिश्ता है। मीडियो रिपोर्ट्स के हवाले से मैंने उन्हें सबूत भी दिए।

उन्होंने कहा कि ये पूरा ड्रामा पीएम मोदी और अदानी के बीच के रिश्ते को दबाने के लिए किया गया। मैं जानना चाहता हूं कि अदानी का रिश्ता क्या है। इन दिनों लोगों के बीच में एक गहरा रिश्ता है। उन्होंने कहा, जनता जानती है कि अदानी एक भ्रष्ट व्यक्ति हैं। और देश जानना चाहता पीएम उन्हें क्यों बचा रहे हैं। मैं पीएम पर सवाल नहीं उठा रहा है, मेरा सवाल अदानी से है। अदानी ही मोदी हैं।

गौरतलब है कि राहुल गांधी को गुजरात की अदालत द्वारा वर्ष 2019 के ‘मोदी उपनाम’ मानहानि मामले में दोषी करार दिए जाने और उन्हें दो वर्ष कैद की सजा सुनाए जाने की वजह से अब उनकी संसद की सदस्यता खत्म हो गई है।