चीन पर बहस की अनुमति नहीं देना लोकतंत्र का अपमान : सोनिया गांधी
By : hashtagu, Last Updated : December 21, 2022 | 12:37 pm
उन्होंने कहा, विभाजनकारी नीतियों का पालन कर, घृणा फैलाकर और हमारे समाज के कुछ वर्गों को लक्षित कर , सरकार देश के लिए विदेशी खतरों के खिलाफ एक होकर खड़ा होना मुश्किल बना रही है। वरिष्ठ नेता ने कहा, इस तरह के विभाजन हमें कमजोर करते हैं और हमें अधिक कमजोर बनाते हैं। ऐसे समय में यह सरकार का प्रयास और जिम्मेदारी होनी चाहिए कि वह हमारे लोगों को एकजुट करे, न कि उन्हें विभाजित करे, जैसा कि वह (केंद्र) पिछले कई वर्षों से करती आ रही है।
सोनिया गांधी ने कहा कि देश महंगाई, बेरोजगारी, सामाजिक ध्रुवीकरण, लोकतांत्रिक संस्थानों के कमजोर होने और बार-बार सीमा पर घुसपैठ जैसी महत्वपूर्ण आंतरिक और बाहरी चुनौतियों का सामना कर रहा है। मुख्य विपक्षी दल के रूप में, हमारी एक बड़ी जिम्मेदारी है और हमें इसे पूरा करने के लिए खुद को मजबूत करना जारी रखना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार के बार-बार आग्रह करने के बावजूद कि सब ठीक है, आर्थिक स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।
दैनिक वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि जारी है, जिससे करोड़ों परिवारों पर भारी बोझ पड़ रहा है। विशेष रूप से युवाओं के लिए रोजगार प्रदान करने में असमर्थता, इस सरकार के कार्यकाल की एक विशेषता रही है। बेरोजगारी की स्थिति तब भी बदतर है जब प्रधानमंत्री हजारों युवाओं को नियुक्ति पत्र सौंप रहे हैं, करोड़ों को सरकारी रिक्तियों के साथ कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है, परीक्षाएं अविश्वसनीय हैं, और सार्वजनिक उपक्रमों का निजीकरण किया जाता है।
कांग्रेस नेता ने कहा, छोटे व्यवसाय, जो देश में भारी मात्रा में रोजगार पैदा करते हैं, नोटबंदी के बार-बार प्रहार, खराब तरीके से लागू जीएसटी, और कोविड-19 महामारी के लिए भी जीवित रहने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। किसानों को बढ़ती लागत का सामना करना पड़ रहा है, विशेष रूप से उर्वरकों की। उनकी फसलों के लिए अनिश्चित कीमतें, इन सभी ने अनियमित मौसम की स्थिति से बदतर बना दिया।
उन्होंने आरोप लगाया कि तीन कृषि कानूनों को रद्द करने के बाद किसान भी अब केंद्र की प्राथमिकता नहीं रह गए हैं। उन्होंने कहा, न्यायपालिका पर सवाल उठाना एक नया प्रयास है। विभिन्न आधारों पर न्यायपालिका पर हमला करने के लिए मंत्रियों, और यहां तक कि एक उच्च संवैधानिक प्राधिकरण को लगाया गया है। यह बिल्कुल स्पष्ट है कि यह सुधार के लिए उचित सुझाव देने का प्रयास नहीं है। बल्कि यह जनता की नजरों में न्यायपालिका की हैसियत को कम करने की कोशिश है।
कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी जी की अध्यक्षता में आज CPP की बैठक संसद भवन के सेन्ट्रल हॉल में संपन्न हुई। pic.twitter.com/bGrJBH9TAh
— Congress (@INCIndia) December 21, 2022