प्रधानमंत्री मोदी 24 जनवरी को 50 लाख नए मतदाताओं को करेंगे संबोधित

By : hashtagu, Last Updated : January 11, 2024 | 8:01 pm

नई दिल्ली, 11 जनवरी (आईएएनएस)। देश के युवा मतदाताओं खासकर इस बार के लोकसभा चुनाव में पहली बार मतदान करने जा रहे युवाओं को लुभाने के लिए भाजपा (BJP) ने एक मेगा प्लान बनाया है। भाजपा खासतौर से उन युवाओं पर फोकस कर रही है जो 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद व्यस्क हुए हैं यानी जो 2019 के चुनाव के बाद वोट देने योग्य हुए हैं।

पार्टी की नजर देशभर में फैले 18 से 23 वर्ष की उम्र के बीच के उन युवाओं पर है, जो 2024 के लोकसभा चुनाव में पहली बार वोट करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 24 जनवरी को 18 से 23 वर्ष की आयु के बीच के 50 लाख नए मतदाताओं को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित कर उन्हें चुनाव में मतदान करने के लिए प्रेरित करेंगे।

भाजपा ने नए मतदाताओं को जोड़ने का जिम्मा पार्टी के युवा मोर्चा को दिया है। भारतीय जनता युवा मोर्चा के कार्यकर्ता युवा वोटरों खासकर पहली बार वोट डालने के लिए योग्य बने वोटर्स को जोड़ने के लिए देशव्यापी अभियान चला रहे हैं। ‘नव मतदाता’ अभियान के अंतर्गत युवा मोर्चा के कार्यकर्ता देश के स्कूलों, कॉलेजों, खेल के मैदानों यहां तक कि घर-घर जाकर संपर्क अभियान चला रहे हैं।

मोर्चा स्वामी विवेकानंद की जयंती 12 जनवरी से लेकर 23 जनवरी तक लगातार अलग-अलग स्तरों पर अभियान चलाकर नए मतदाताओं का पंजीकरण करेगा। पार्टी की योजना इन नए मतदाताओं को जोड़ कर 24 जनवरी को देश के पांच हजार स्थानों पर युवाओं का सम्मेलन करने की है। पार्टी के युवा मोर्चा का यह प्रयास होगा कि हर जगह पर 18 से 23 वर्ष की आयु के बीच के कम से कम एक हजार नए वोटर्स को एकत्र किया जाए।

उस दिन देश के पांच हजार स्थानों पर एक-एक हजार युवाओं को एकत्र कर भाजपा कुल मिलाकर 50 लाख युवाओं को इकट्ठा कर लेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के पांच हजार स्थानों पर एकत्र हुए उन 50 लाख नए वोटर्स को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित करेंगे।

दअरसल, भाजपा ने इस बार के लोकसभा चुनाव में पहली बार वोट करने जा रहे मतदताओं को लुभाने के लिए अंग्रेजी में एक नया नारा भी तैयार किया है। भाजपा ‘इफ यू आर एटीन, व्हाई आर यू वेटिंग, कम फॉर वोटिंग’ के नारे के जरिए नए मतदाताओं को लुभाने का प्रयास करेगी। पार्टी का यह मानना है कि युवा मतदाताओं ने कांग्रेस के शासनकाल को नहीं देखा है इसलिए उन्हें कांग्रेस सरकारों के कामकाज और मोदी सरकार के कामकाज के अंतर के बारे में बताना जरूरी है।