राहुल गांधी ने ओबीसी समाज के एक बड़े वर्ग के कांग्रेस पार्टी से दूर होने की ओर खींचा ध्‍यान : टीएस सिंह देव

By : hashtagu, Last Updated : April 9, 2025 | 8:34 pm

नई दिल्ली, 9 अप्रैल (आईएएनएस)। गुजरात के अहमदाबाद में कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन(National convention of congress party) में लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष एवं कांग्रेस के दिग्गज नेता राहुल गांधी के ओबीसी वोट खिसकने(Leader Rahul Gandhi’s OBC vote slips away) वाले बयान के बाद राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है। छत्तीसगढ़ के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं कांग्रेस नेता टीएस सिंह देव ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्‍होंने कहा क‍ि राहुल गांधी ने अध‍िवेशन में ओबीसी समाज के कांग्रेस से दूर होने पर सबका ध्‍यान खींचा और इसे पार्टी से फि‍र से जोड़ने की बात कही।

कांग्रेस नेता टीएस सिंह देव ने बताया, “राहुल गांधी ने कहा कि देश में एससी 15 प्रतिशत, एसटी 8 प्रतिशत, ओबीसी कम से कम 50 प्रतिशत, 15 प्रतिशत मुस्लिम, ईसाई और सिख दो-दो प्रतिशत हैं।, इन सब को मिलाकर 92 से 93 प्रतिशत होता है। जब हम देश में अध‍िकतर चुनावों में जीतते थे, तो देश की आबादी का 92-93 प्रतिशत का बड़ा हिस्सा कांग्रेस पार्टी को वोट कर रहा था। लेक‍िन बाद में इनमें से अध‍िकतर लोग हमसे दूर चले गए। व‍िशेषकर ओबीसी समाज के लोग, ज‍िनकी संख्‍या कम से कम 50 प्रतिशत आंकी जाती है। ऐसे में हमें फि‍र से उन्‍हें अपने साथ लाना होगा और देश को व‍िकास के रास्‍ते पर ले चलना होगा, तभी कांग्रेस का और देश का भला हो सकता है।”

दरअसल, कांग्रेस का दो दिवसीय अधिवेशन गुजरात में हो रहा है, जिसमें देश के कोने-कोने से पार्टी नेता शामिल होने पहुंचे हैं। इस अधिवेशन में सोनिया गांधी, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे शामिल हुए। बुधवार को खड़गे ने केंद्र की मोदी सरकार पर जोरदार निशाना साधा। उन्होंने कहा कि यह सरकार पिछले 11 सालों से सत्ता में है, लेकिन दुर्भाग्य देखिए कि विपक्ष के किसी भी नेता को सदन में अपनी बात रखने का मौका नहीं दिया जाता है।

खड़गे ने आगे कहा, “यहां तक कि लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को भी बोलने नहीं दिया जाता है। ऐसे में आप इस बात का सहज ही अंदाजा लगा सकते हैं कि जब लोग राहुल गांधी सरीखे नेता को बोलने नहीं दे रहे हैं, तो भला इस देश के आम लोगों को कैसे बोलने देंगे? यह अपने आप में बड़ा सवाल है, जिस पर हम सभी को एकजुट होकर विवेचना करनी होगी।”

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