राहुल गांधी अगले हफ्ते अमेरिका जाएंगे, ब्राउन यूनिवर्सिटी में देंगे भाषण

पवन खेड़ा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी 21 और 22 अप्रैल को अमेरिका के रोड आइलैंड में ब्राउन यूनिवर्सिटी का दौरा करेंगे।

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  • Publish Date - April 17, 2025 / 01:27 PM IST

नई दिल्ली, 17 अप्रैल (आईएएनएस)। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) अगले सप्ताह दो दिन के अमेरिका के दौरे पर जाएंगे। इस दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी ब्राउन यूनिवर्सिटी में भाषण देंगे। वे फैकल्टी सदस्यों और छात्रों से बातचीत भी करेंगे। कांग्रेस के मीडिया एवं प्रचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने गुरुवार को सोशल मीडिया के माध्यम से यह जानकारी दी।

पवन खेड़ा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी 21 और 22 अप्रैल को अमेरिका के रोड आइलैंड में ब्राउन यूनिवर्सिटी का दौरा करेंगे। वे वहां भाषण देंगे और यूनिवर्सिटी के फैकल्टी सदस्यों तथा छात्रों से बातचीत करेंगे।”

उन्होंने कहा कि रोड आइलैंड जाने से पहले राहुल गांधी एनआरआई समुदाय के सदस्यों के साथ-साथ इंडियन ओवरसीज कांग्रेस (आईओसी) के पदाधिकारियों और सदस्यों से भी मुलाकात करेंगे।

गौरतलब है कि इससे पहले पिछले साल सितंबर में राहुल गांधी ने अमेरिका की तीन दिवसीय यात्रा की थी। अपनी यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने टेक्सास विश्वविद्यालय के छात्रों, शिक्षा समुदाय से जुड़े लोगों से बातचीत की थी।

अमेरिका के टेक्सास में भारत में रोजगार पर बात करते समय राहुल गांधी ने चीन की तारीफ करते हुए कहा था कि अमेरिका और पश्चिमी देश बेरोजगारी की समस्या से जूझ रहे हैं, जबकि चीन में ऐसा नहीं है। इसके पीछे चीन का वैश्विक उत्पादन पर हावी होना है। अभी पश्चिमी देशों में बेरोजगारी की समस्या है। भारत में भी बेरोजगारी की समस्या है, लेकिन दुनिया के कई देशों में यह समस्या नहीं है। चीन में बेरोजगारी की समस्या नहीं है। वियतनाम में भी बेरोजगारी की समस्या नहीं है। उन्होंने यह भी कहा था कि देश के चुनावों के बाद सब कुछ बदल गया है और अब डर नहीं लगता।

इसके अलावा राहुल गांधी ने टेक्सास यूनिवर्सिटी में छात्रों के साथ बातचीत के दौरान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और आरएसएस पर निशाना साधा था। कांग्रेस नेता ने कहा था कि भाजपा और कांग्रेस के बीच वैचारिक संघर्ष है। भाजपा और आरएसएस का मानना है कि महिलाओं को अपनी पारंपरिक भूमिकाओं तक ही सीमित रखना चाहिए। इसके विपरीत हमारा मानना है कि महिलाओं को वह सारे काम करने की आजादी होनी चाहिए, जो वे करना चाहती हैं।