चंडीगढ़, 23 जनवरी (आईएएनएस)| शिरोमणि अकाली दल (शिअद) (Shromani Akali Dal) ने सोमवार को पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान से यह बताने के लिए कहा कि अगर उनका ‘सफल मॉडल’ है तो उनकी सरकार को मोहल्ला क्लीनिकों (Mohalla Clinic) के विज्ञापन के लिए 30 करोड़ रुपये की जरूरत क्यों है, जिसके लिए राज्य 10 करोड़ रुपये खर्च कर रहा है। यहां एक बयान जारी करते हुए अकाली दल (Akali Dal) के वरिष्ठ नेता दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि एक तरफ मुख्यमंत्री मोहल्ला क्लीनिकों (CM Mohalla Clinic) को सफल बता रहे हैं, जिससे 10,00,00 लोग लाभान्वित हुए हैं। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा है तो सरकार को भरोसा क्यों नहीं है कि पंजाबी अच्छी बातें फैलाएंगे।
आप संयोजक अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के राजनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ाने के अलावा राज्य और दक्षिण भारत तक इनका प्रचार करने की क्या जरूरत है।
चीमा ने कहा कि सच्चाई यह है कि मोहल्ला क्लीनिक दिल्ली और पंजाब दोनों में विफल रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस हकीकत को स्वीकार करने के बजाय सरकार पंजाब के खजाने की कीमत पर इस मॉडल को दूसरे राज्यों में बेचने की कोशिश कर रही है।
उन्होंने कहा कि सरकार इतने पर ही नहीं रुक रही है। यह पूर्व स्वास्थ्य सचिव को धमका रहा है और फंसा रहा है, जिन्होंने 30 करोड़ रुपये के प्रचार प्रस्ताव को मंजूरी देने से इनकार कर दिया था।
चीमा ने मांग की कि अगर सरकार के पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है तो वह इस मामले की पूरी फाइल सार्वजनिक करे।
उन्होंने कहा, “लोगों को अपने लिए न्याय करने दें कि कौन सही है।” चीमा ने यह भी बताया कि कैसे सरकार ने सुविधा केंद्रों को मोहल्ला क्लीनिक में बदलकर सस्ता प्रचार हासिल किया है।”
“अब वही प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के मामले में किया जा रहा है, जिन्हें बंद किया जा रहा है, ताकि उन्हें मोहल्ला क्लीनिक के रूप में फिर से ब्रांड किया जा सके।”
उन्होंने कहा कि भगवंत मान को यह महसूस करना चाहिए कि पंजाब में पहले से ही प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हैं और मोहल्ला क्लीनिक के नाम पर और डिस्पेंसरियों की जरूरत नहीं है।
उन्होंने कहा कि जरूरत अच्छी माध्यमिक और सुपर स्पेशियलिटी हेल्थकेयर की है। हमें राज्य को पीछे नहीं ले जाना चाहिए। उन्होंने मुख्यमंत्री से निर्णय की समीक्षा करने के लिए कहा, ताकि राज्य के स्वास्थ्य क्षेत्र और विशेष रूप से ग्रामीण स्वास्थ्य क्षेत्र में बाधा न आए।