उत्कल दिवस : CM विष्णुदेव बोले, ‘छत्तीसगढ़ और ओडिशा’ के भाईचारे की मिसाल! राज्यापाल का भी संबोधन, पुरंदर मिश्रा की ‘अगुवाई’ में मना

By : madhukar dubey, Last Updated : April 2, 2024 | 7:35 pm

  • पुरंदर मिश्रा द्वारा आयोजित उत्कल दिवस में राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री पूरे समय उपस्थित होकर समाज का उत्साहवर्धन किया

  • हजारों की संख्या में समाज के लोगों ने विधायक मिश्रा के साथ शोभायात्रा निकाली

  • रायपुर। सोमवार के रात्रि 08 बजे प्रो. जे.एन. पाण्डेय शास.उच्च.माध्य. विद्यालय छोटापारा, रायपुर में महामहिम राज्यपाल के मुख्य आतिथ्य एवं मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ की अध्यक्षता में सर्व ओडिया समाज छ.ग. और उत्कल (Utkal divas) सांस्कृतिक परिषद, रायपुर द्वारा बड़े हर्षोल्लास के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित कर धूमधाम से मनाया गया उत्कल दिवस। जहां सर्वप्रथम राज्यपाल एवं माननीय मुख्यमंत्री  के द्वारा महिला थाना के सामने स्थित मधुसूदन दास जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया तदोपरांत पुरी से लाये गए भगवान जगन्नाथ जी के रथ के पहिये (चक्का) एवं भगवान जगन्नाथ जी का दर्शन एवं पूजा अर्चना किया गया। उक्त कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ सहित ओडिशा तथा अन्यत्र जिलों से पहूंचे लगभग 5 हजार लोगों की उपस्थिति रही।

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    कार्यक्रम में मिश्रा ने उत्कल समाज के गौरव मधुसूदन दास जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि कैसे उन्होनें उडिया भाषा की स्वतंत्रता के लिए आंदोलन कर हमें उड़िया भाषा बोलने की स्वतंत्रता दिलाई एवं ओडिशा राज्य स्थापना दिवस पर आयोजित उत्कल उत्सव समारोह के मंच पर उन्होनें सर्व ओडिया समाज की ओर से महामहिम राज्यपाल एवं माननीय मुख्यमंत्री, छत्तीसगढ़ से छत्तीसगढ़ की स्कूलों में एक विषय ओडिया शिक्षा प्रारंभ करने की मांग रखी।

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    • इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री साय (CM Vishnudev) ने अपने संक्षिप्त उद्बोधन में उपस्थित लोगां को संबोधित करते हुए कहा, छत्तीसगढ़ में निवासरत उडियाभाषी या इस समाज के लोगों के लिए ही यह दिवस नहीं बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ के लिए भी उत्कल दिवस लागू होता है। उन्होने कहा उनके क्षेत्र जशपुर के पूरे शहर से लेकर ग्रामीण अंचल में भी ओडिशा से आये लोगों का बड़ी संख्या में उपस्थिति निश्चित रूप से छत्तीसगढ़ और ओडिशा को भाई-चारे के साथ जोड़ने का काम करता है।

    उक्त कार्यक्रम में महामहिम राज्यपाल ने उपस्थित लोगां को बताते हुए कहा कि वर्ष 1936 में ओडिशा को एक स्वतंत्र के रूप में मान्यता मिली थी। ओडिशा का इतिहास एवं यहां की वीरगाथा पूरी दुनिया में अनूठी है। ओडिशा भाषा संस्कृति और कला को आगे बढ़ाने के लिए अनेंक विभूतियों ने अपना योगदान दिया जिसे आज भी पूरा ओडिशा राज्य तथा भारत वर्ष में याद किया जाता है। महामहिम द्वारा ओडिशा राज्य के गठन करने वाले उत्कल गौरव मधुसूदन दास जी का विशेष उल्लेख करते हुए उनके जीवनकाल पर प्रकाश डाला गया साथ ही देश के यशस्वी प्रधानमंत्री जी के कार्यों का सराहना किये।

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    • इस अवसर पर विश्वभूषण हरिचंदन महामहिम राज्यपाल, विष्णुदेव साय मुख्यमंत्री छ.ग., अरूण साव, उप मुख्यमंत्री छ.ग., सुनील सोनी, सांसद रायपुर, पुरंदर मिश्रा, प्रदेशाध्यक्ष सर्व ओडिया समाज, विधायक रायपुर उत्तर, मोती लाल साहू विधायक रायपुर ग्रामीण, एजाज ढेबर, महापौर, नगर पालिक निगम, रायपुर डॉ. के.के. भोई, अध्यक्ष उत्कल सांस्कृतिक परिषद्, राजेन्द्र बेहरा, अध्यक्ष घासी समाज, वकील तांड़ी अध्यक्ष, गाड़ा समाज, नारायण प्रसाद नैरोजी, अध्यक्ष आदिवासी समाज, सत्यदेव शर्मा, संगठन महामंत्री, गुणनिधि मिश्रा, प्रवक्ता, पीयुष मिश्रा सहित सर्व ओडिया समाज छ.ग., उत्कल सांस्कृतिक परिषद समाज प्रमुखों की बड़ी संख्या में उपस्थिति रही।

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